Jharkhand Teachers Tablets – झारखंड के 28,532 शिक्षकों को मिलेगा टैबलेट, जानिए क्यों रांची को मिलेगी सबसे ज्यादा प्राथमिकता
झारखंड में 28,532 शिक्षकों को टैबलेट मिलेंगे, रांची जिले को सबसे ज्यादा और लोहरदगा को सबसे कम। जानिए इस योजना की पूरी जानकारी और इसका शिक्षकों पर प्रभाव।
रांची: झारखंड के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले 28,532 शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए उन्हें टैबलेट उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। खास बात यह है कि सबसे ज्यादा टैबलेट रांची जिले के 2,438 शिक्षकों को मिलेंगे, जबकि लोहरदगा के मात्र 417 शिक्षकों को यह सुविधा दी जाएगी।
शिक्षा में डिजिटल क्रांति का कदम
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) द्वारा जारी इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना और पढ़ाई से जुड़े कार्यों को आसान बनाना है। शिक्षा विभाग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है, और टैबलेट वितरण का एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) भी तय कर दिया गया है।
कैसे होगा वितरण?
- शिक्षकों की सूची तैयार होगी:
सबसे पहले जिला और प्रखंड स्तर पर शिक्षकों की सूची तैयार की जाएगी। - जिला शिक्षा अधीक्षक की जिम्मेदारी:
इस सूची को फाइनल करने का काम जिला शिक्षा अधीक्षक करेंगे। - टैबलेट का वितरण:
प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी शिक्षकों को बुलाकर टैबलेट सौंपेंगे।
टैबलेट के उपयोग की शर्तें
- शिक्षकों को 1GB डेटा प्रति माह का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी।
- सिम कार्ड का खर्च विद्यालय विकास मद से वहन किया जाएगा।
- टैबलेट पर सिर्फ पढ़ाई से जुड़े कार्य किए जा सकेंगे।
- गाने सुनना या अन्य मनोरंजन गतिविधियां प्रतिबंधित हैं।
कंपनी का क्या होगा योगदान?
इस योजना के तहत टैबलेट की आपूर्ति सिबिन कार्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करेगी। कंपनी टैबलेट का एक साल तक रखरखाव भी करेगी। अगर टैबलेट खराब होता है, तो कंपनी 8 दिनों के भीतर मरम्मत या बदलाव करेगी।
क्या होगा अगर टैबलेट खो जाए?
अगर टैबलेट खो जाता है, टूटता है, या चोरी हो जाता है, तो इसकी भरपाई शिक्षक को करनी होगी। इस तरह, शिक्षकों को इसे संभालकर रखने की सख्त हिदायत दी गई है।
इतिहास से प्रेरणा
झारखंड के शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल बदलाव का यह कदम कोई नया नहीं है। इससे पहले भी शिक्षा को डिजिटल रूप देने के लिए स्मार्ट क्लास और ऑनलाइन पढ़ाई जैसी पहल की गई थीं। यह टैबलेट योजना उसी कड़ी का एक हिस्सा है, जिससे प्राथमिक स्तर पर पढ़ाई को अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाया जा सके।
रांची को क्यों मिली प्राथमिकता?
रांची, झारखंड की राजधानी होने के कारण यहां के शिक्षकों को सबसे ज्यादा टैबलेट दिए जा रहे हैं। यहां स्कूलों की संख्या और छात्रों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में अधिक है।
लोहरदगा को सबसे कम क्यों?
दूसरी ओर, लोहरदगा जैसे छोटे जिलों में स्कूल और शिक्षकों की संख्या कम होने के कारण यहां टैबलेट की आवश्यकता भी कम है।
शिक्षकों के लिए यह योजना क्यों खास है?
- शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करना आसान होगा।
- डिजिटल पढ़ाई के लिए संसाधन उपलब्ध होंगे।
- शिक्षकों को तकनीक से जुड़ने का मौका मिलेगा।
भविष्य की संभावनाएं
यह योजना झारखंड के शिक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकती है। डिजिटल उपकरणों की मदद से न केवल शिक्षकों का काम आसान होगा, बल्कि छात्रों को भी बेहतर शिक्षण सामग्री प्राप्त होगी।
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