Jamshedpur Rural Fire – बहरागोड़ा में फूस का घर जलकर राख, परिवार बेघर, जानिए घटना का पूरा सच
बहरागोड़ा के दीघबर्दा गांव में शॉर्ट सर्किट से फूस का घर जलकर राख। परिवार बेघर, जरूरी दस्तावेज और नकदी नष्ट। जानें घटना की पूरी जानकारी और राहत प्रयास।
जमशेदपुर, बहरागोड़ा: खंडामौदा पंचायत के दीघबर्दा गांव में सोमवार रात दुर्गा पद गिरी का फूस का घर अचानक आग की चपेट में आ गया, जिससे परिवार बेघर हो गया। आग की यह घटना शॉर्ट सर्किट की वजह से बताई जा रही है, जिसमें घर के जरूरी दस्तावेज, नकदी और घरेलू सामान जलकर राख हो गए।
कैसे हुई यह घटना?
सोमवार की रात जब परिवार के सभी सदस्य खाना खाकर सो रहे थे, तब अचानक बाहर से चिल्लाने की आवाज आई। घर से धुआं और आग की लपटें उठती देख परिवार ने बाहर आकर ग्रामीणों की मदद से आग बुझाने की कोशिश की। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक घर में रखा सब कुछ जल चुका था।
क्या-क्या जलकर राख हुआ?
दुर्गा पद गिरी ने बताया कि आग में 10,000 रुपये नकद, बैंक पासबुक, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बच्चों के स्कूली सर्टिफिकेट समेत सभी जरूरी दस्तावेज और घर का सामान जलकर खाक हो गए। यह नुकसान परिवार के लिए आर्थिक और भावनात्मक रूप से बड़ा झटका है।
गांव और इतिहास का जुड़ाव
दीघबर्दा गांव, जो बहरागोड़ा प्रखंड का हिस्सा है, फूस के घरों के लिए जाना जाता है। पारंपरिक रूप से बनाए गए ये घर स्थानीय संसाधनों पर आधारित होते हैं, लेकिन इनकी सबसे बड़ी कमजोरी आग जैसी घटनाओं में सामने आती है। ग्रामीण इलाकों में बिजली की अस्थिर आपूर्ति और पुराने उपकरणों की वजह से शॉर्ट सर्किट का खतरा बढ़ जाता है।
ग्रामीणों का सहयोग और राहत
घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों ने आग बुझाने में मदद की और परिवार को संभाला। पंचायत के मुखिया पंचानन मुंडा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रभावित परिवार को कंबल, चावल और कपड़े उपलब्ध कराए। साथ ही, उन्होंने परिवार को जल्द से जल्द सरकारी आवास दिलाने का आश्वासन दिया।
आग की घटनाएं और जागरूकता की कमी
ग्रामीण इलाकों में आग लगने की घटनाएं अक्सर बिजली के शॉर्ट सर्किट, दीयों और चूल्हों से होती हैं। दीघबर्दा जैसे गांवों में फूस के घरों के साथ ऐसी घटनाएं आम हैं। यह घटना फिर से दिखाती है कि इन गांवों में आग से बचाव के लिए जागरूकता और सावधानियां कितनी जरूरी हैं।
सरकारी मदद और आश्वासन
घटना के बाद पंचायत द्वारा तत्काल राहत प्रदान की गई है। मुखिया पंचानन मुंडा ने पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ जल्द दिलाने की बात कही है। इसमें आवास योजना के तहत नया घर और आर्थिक सहायता शामिल है।
क्या हो सकती हैं सुरक्षा के उपाय?
इस घटना ने ग्रामीण इलाकों में फूस के घरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आग से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- बिजली के उपकरणों की नियमित जांच।
- घर में आग बुझाने के प्राथमिक उपकरण रखना।
- शॉर्ट सर्किट से बचाव के लिए बेहतर वायरिंग।
- आग से बचने के लिए सामुदायिक जागरूकता अभियान।
प्रभावित परिवार के लिए उम्मीदें
इस हादसे के बाद परिवार को सामाजिक और सरकारी मदद का सहारा है। स्थानीय प्रशासन और पंचायत ने उनकी मदद के लिए कदम उठाए हैं। गांव के लोग भी मिलकर परिवार को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
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