Kolhan Operation: झारखंड में अवैध अफीम की खेती पर बड़ा एक्शन, पुलिस ने नष्ट किए 19000 एकड़ फसल!
झारखंड में अफीम की अवैध खेती के खिलाफ सबसे बड़ा एक्शन! अब तक 19000 एकड़ फसल नष्ट, 190 गिरफ्तार। जानें कहां-कहां हुई सबसे ज्यादा कार्रवाई?
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झारखंड में अवैध अफीम की खेती के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने अब तक का सबसे बड़ा अभियान छेड़ दिया है। 15 मार्च तक चलने वाले इस ऑपरेशन में अब तक 19000 एकड़ से ज्यादा अफीम की फसल को नष्ट किया जा चुका है। साथ ही 283 मामले दर्ज किए गए हैं और 190 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
झारखंड में अफीम की खेती पर सबसे बड़ा एक्शन!
पिछले कुछ सालों में झारखंड के विभिन्न जिलों में अवैध अफीम की खेती तेज़ी से बढ़ी थी। अपराधी इस खेती से करोड़ों का कारोबार कर रहे थे। लेकिन इस बार सरकार और प्रशासन ने इसे पूरी तरह खत्म करने का संकल्प लिया है। पुलिस के अनुसार, इस साल की गई कार्रवाई पिछले साल की तुलना में चार गुना ज्यादा है।
कहां-कहां हुई सबसे ज्यादा कार्रवाई?
झारखंड के कई जिलों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही थी। प्रशासन ने सबसे ज्यादा कार्रवाई खूंटी जिले में की, जहां 10520 एकड़ भूमि पर अफीम की खेती को नष्ट किया गया। इसके अलावा –
- रांची में 4624 एकड़
- सरायकेला में 650 एकड़
- पलामू में 396 एकड़
- अन्य जिलों जैसे चतरा, लातेहार, चाईबासा और हजारीबाग में भी कार्रवाई जारी है
सरायकेला-खरसावां में खुद किसान कर रहे हैं फसल नष्ट!
सरायकेला-खरसावां जिले में पुलिस की मुहिम का जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। यहां खरसावां, कुचाई, चौका, ईचागढ़ और कांड्रा थाना क्षेत्रों में 65 गांवों में करीब 650.96 एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया गया। सबसे खास बात यह है कि पुलिस की सख्ती और जागरूकता अभियान के चलते 278.6 एकड़ भूमि पर किसानों ने खुद ही अपनी अफीम की फसल को नष्ट कर दिया।
इतनी बड़ी अफीम की खेती आखिर हो कैसे रही थी?
झारखंड के दुर्गम इलाकों में लंबे समय से अवैध अफीम की खेती हो रही थी, लेकिन इस पर प्रशासन की पकड़ बेहद कमजोर थी। अफीम माफिया जंगलों और पहाड़ी इलाकों में खेती कर रहे थे और इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचकर करोड़ों रुपये कमा रहे थे।
इतिहास: झारखंड में कब से हो रही है अफीम की खेती?
झारखंड के कई हिस्सों में अफीम की खेती ब्रिटिश काल से होती आ रही है। पहले इसे औषधीय उपयोग के लिए उगाया जाता था, लेकिन बाद में ड्रग माफिया और तस्करों ने इसे गैरकानूनी धंधे में बदल दिया। पिछले कुछ दशकों में झारखंड, खासकर खूंटी, सरायकेला और चाईबासा इलाकों में यह खेती सबसे ज्यादा बढ़ी।
मुख्य सचिव का आदेश: 100% नष्ट होगी अफीम की फसल!
झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने साफ आदेश दिए हैं कि राज्य में कहीं भी अफीम की खेती नहीं बचनी चाहिए। 15 मार्च तक इस अभियान को पूरी तरह से सफल बनाना है।
गिरफ्तारी और कड़ी सजा का प्रावधान
सरकार ने साफ कर दिया है कि जो भी अवैध अफीम की खेती में संलिप्त होगा, उसे कड़ी सजा मिलेगी। पुलिस ने अब तक 190 लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे भी इस पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
अफीम माफियाओं के लिए बड़ा झटका!
यह ऑपरेशन झारखंड में ड्रग माफियाओं के लिए बड़ा झटका है। सरकार का इरादा साफ है – झारखंड में अब अवैध अफीम की खेती पूरी तरह खत्म होनी चाहिए।
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