Jamshedpur Crime Mystery: धातकीडीह में शिवम घोष पर गोलीकांड का बड़ा खुलासा, 7 गिरफ्तार, हथियार बरामद
जमशेदपुर के धातकीडीह में शिवम घोष पर हुए गोलीकांड का पुलिस ने किया बड़ा खुलासा! 7 आरोपी गिरफ्तार, 3 सेमी ऑटोमेटेड पिस्तौल बरामद, जानिए क्या थी इस हमले की असली वजह?

जमशेदपुर में अपराध की दुनिया से एक बड़ा खुलासा हुआ है! बिष्टुपुर पुलिस ने धातकीडीह में शिवम घोष पर हुए गोलीकांड का पर्दाफाश कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से तीन सेमी-ऑटोमेटेड पिस्तौल, सात जिंदा कारतूस, एक स्कूटी, एक बाइक और कई मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
कौन हैं आरोपी और क्या थी वजह?
पकड़े गए आरोपियों की पहचान मनोज विभर, विशाल विभर, सोएब अख्तर उर्फ शिबू, सोमेश राव उर्फ एल सोमेश राव, मोहम्मद आसिफ, सोनू झा उर्फ विकास झा और परवेज खान उर्फ कैश खान के रूप में हुई है। पुलिस जांच में सामने आया कि इस हमले की वजह पुरानी रंजिश थी।
शिवम घोष पर हमला किसी अचानक हुई घटना का नतीजा नहीं था, बल्कि इसकी योजना लंबे समय से बनाई जा रही थी। बताया जा रहा है कि शिवम घोष और आरोपियों के बीच पुरानी दुश्मनी चल रही थी, जो पहले भी कई बार हिंसक झगड़ों में बदल चुकी थी। यहां तक कि जेल में भी इन लोगों के बीच गाली-गलौज और मारपीट हुई थी। बदले की इस आग ने आखिरकार 2025 में एक बड़ा अपराध खड़ा कर दिया।
कैसे दिया गया वारदात को अंजाम?
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने एक सुनियोजित साजिश के तहत शिवम घोष पर हमला किया। घटनास्थल पर इस्तेमाल किए गए हथियारों की सप्लाई टेल्को प्रेमनगर निवासी सोनू झा उर्फ विकास झा ने की थी। पुलिस को शक है कि यह गिरोह लंबे समय से अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त में भी शामिल रहा है।
घटना के दिन हमलावरों ने शिवम को ट्रैक किया और मौका मिलते ही उस पर गोलियां चला दीं। यह हमला केवल डराने के लिए नहीं था, बल्कि इसे एक बड़ी साजिश के तहत अंजाम दिया गया था।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई, कई जगह छापेमारी!
घटना के तुरंत बाद पुलिस एक्शन में आई और जमशेदपुर, कोलकाता समेत कई अन्य इलाकों में छापेमारी कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की मानें तो इस हमले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।
पुलिस को शक है कि यह गिरोह सिर्फ व्यक्तिगत दुश्मनी के लिए ही नहीं, बल्कि शहर में अपराध को बढ़ावा देने वाले बड़े रैकेट से भी जुड़ा हो सकता है। पुलिस अब इस मामले में अन्य संभावित लिंक तलाश रही है।
जमशेदपुर में अपराध का इतिहास – क्या बढ़ रहा है गैंगवार?
अगर इतिहास पर नजर डालें तो जमशेदपुर में अपराध की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। 90 के दशक में भी यहां अपराधियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चलती थी। बीते कुछ वर्षों में शहर में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां व्यक्तिगत रंजिश बड़े अपराधों में तब्दील हो गई।
शिवम घोष पर हमला भी इसी कड़ी का एक और उदाहरण है। जानकारों का मानना है कि यदि पुलिस समय रहते इन मामलों को सख्ती से नहीं रोकेगी, तो आने वाले समय में यह अपराध और भी बढ़ सकते हैं।
क्या कह रही है पुलिस?
पुलिस का कहना है कि वे इस मामले में किसी भी अपराधी को नहीं छोड़ेंगे। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, “हमलावरों की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है, लेकिन अभी हमारी जांच पूरी नहीं हुई है। इस गैंग के अन्य सदस्यों की पहचान कर जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।”
शहर में बढ़ती हिंसा पर चिंता!
जमशेदपुर में हाल के दिनों में आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे आम जनता में डर का माहौल बन रहा है। पुलिस लगातार अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही है, लेकिन इसके बावजूद शहर में गोलीकांड जैसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
इस घटना ने एक बार फिर शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस इस मामले की तह तक जाकर अपराधियों पर शिकंजा कसने में कितनी सफल होती है।
तो क्या जमशेदपुर में अपराध का यह दौर खत्म होगा? या फिर आने वाले समय में और भी बड़े अपराध देखने को मिलेंगे? पुलिस के अगले कदम पर सबकी नजरें टिकी हैं!
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