Jharkhand Demand: झामुमो ने जिला स्तर पर 100% स्थानीय आरक्षण की मांग रखी, सरना धर्म कोड पर जोर
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 16 राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए, जिला स्तर पर 100% स्थानीय आरक्षण और सरना धर्म कोड की मांग। पढ़ें पूरी खबर।

रांची में आयोजित झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन के पहले दिन 16 महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें जिला स्तर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को 100% आरक्षण देने की मांग प्रमुख है।
प्रमुख मांगें
1. रोजगार आरक्षण:
जिला स्तर पर तृतीय/चतुर्थ श्रेणी में 100% स्थानीय आरक्षण
राज्य स्तर पर 75% स्थानीय आरक्षण
आउटसोर्सिंग नौकरियों में भी आरक्षण लागू करने की मांग
2. भूमि अधिकार:
आदिवासियों/मूलवासियों को स्थायी पट्टा
CNT/SPT एक्ट में संशोधन रोकने की मांग
भूवापसी आयोग गठन की जरूरत
3. सरना धर्म कोड:
जनगणना में अलग सरना धर्म कोड शामिल करने की मांग
आरक्षण सीमा बढ़ाने की मांग (ST 28%, SC 14%, OBC 27%)
परिसीमन पर विवाद
झामुमो ने वर्तमान परिसीमन को "संवैधानिक रूप से गलत" बताते हुए:
अनुच्छेद 8081 का उल्लंघन बताया
भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला आरोप लगाया
नए परिसीमन का पुरजोर विरोध किया
ऐतिहासिक संदर्भ
झारखंड में आरक्षण और भूमि अधिकार लंबे समय से राजनीतिक मुद्दे रहे हैं:
2000: झारखंड राज्य गठन के समय स्थानीय नीतियों का वादा
2016: CNT/SPT एक्ट में संशोधन का विरोध
2021: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर प्रदर्शन
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
झामुमो: "हम आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे"
भाजपा: "ये खोखले वादे हैं, विकास में बाधक"
कांग्रेस: "संवैधानिक अधिकारों की रक्षा जरूरी"
आगे की रणनीति
केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा
राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग
जनआंदोलन की तैयारी
सवाल यह है कि क्या झामुमो की ये मांगें राज्य सरकार द्वारा मान ली जाएंगी? क्या केंद्र सरकार सरना धर्म कोड को मान्यता देगी?
महाधिवेशन के दूसरे दिन इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी और अंतिम प्रस्ताव जारी किया जाएगा। राज्य की राजनीति में ये मांगें आने वाले समय में बड़ा मुद्दा बन सकती हैं।
अधिक जानकारी के लिए झामुमो की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।
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