दिल्ली की भाजपा सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्रों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह फैसला बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका के बीच लिया गया है, जिससे राजधानी के हजारों छात्र और नौकरी चाहने वाले प्रभावित होंगे।
क्या है EWS प्रमाणपत्र?
आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण देता है
वार्षिक पारिवारिक आय 5 लाख से कम होनी चाहिए
निजी स्कूलों में 25% सीटें EWS छात्रों के लिए आरक्षित
दिल्ली विश्वविद्यालय में 10% सीटों पर लागू
क्यों लगाई गई रोक?
राजस्व विभाग के मुताबिक:
बड़ी संख्या में अपात्र लोगों को प्रमाणपत्र जारी किए गए
प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गईं
सभी पुराने प्रमाणपत्रों की जांच होगी
नए प्रमाणपत्र जारी करने पर अस्थायी रोक
प्रभावित होने वाले क्षेत्र
1. शिक्षा: सीबीएसई रिजल्ट के बाद स्कूल/कॉलेज दाखिले प्रभावित
2. रोजगार: सरकारी नौकरियों में EWS आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा
3. परीक्षाएं: DU ET, CUET जैसी प्रवेश परीक्षाओं में आवेदन प्रक्रिया बाधित
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
भाजपा: "आप सरकार के समय हुई धांधली की जांच होगी"
आप: "गरीबों के अधिकारों पर हमला"
कांग्रेस: "सरकार गरीब विरोधी नीतियां अपना रही"
ऐतिहासिक संदर्भ
2019: केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के EWS को 10% आरक्षण दिया
2021: दिल्ली में EWS प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू
2023: पहली बार बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप
आगे की कार्रवाई
राजस्व विभाग द्वारा जांच समिति गठित
ईडिस्ट्रिक्ट पोर्टल को अपग्रेड करने का निर्णय
दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई का वादा
सवाल यह है कि क्या यह रोक वास्तव में धांधली रोक पाएगी या गरीब छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ होगा? कब तक मिलेगी नई गाइडलाइंस?
अधिक जानकारी के लिए दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें। प्रभावित छात्र अपने जिला अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।