Jharkhand Accident: भीषण ट्रेलर-ट्रक टक्कर में दो की दर्दनाक मौत, हाईवे बना मौत का सफर

झारखंड के रांची-टाटा हाईवे पर ट्रेलर-ट्रक की भीषण टक्कर में दो लोगों की दर्दनाक मौत। जानें हादसे के कारण और हाईवे हादसों का काला इतिहास।

Dec 6, 2024 - 16:25
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Jharkhand Accident: भीषण ट्रेलर-ट्रक टक्कर में दो की दर्दनाक मौत, हाईवे बना मौत का सफर
Jharkhand Accident: भीषण ट्रेलर-ट्रक टक्कर में दो की दर्दनाक मौत, हाईवे बना मौत का सफर

रांची: झारखंड के रांची-टाटा हाईवे पर तमाड़ थाना क्षेत्र के टिकर मोड़ के पास मंगलवार सुबह एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें ट्रेलर और ट्रक की टक्कर से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान ट्रेलर के चालक तौफिक और खलासी अंसार खान के रूप में हुई है, जो राजस्थान के खरौदा के निवासी थे। हादसे ने एक बार फिर देश के हाईवे की असुरक्षा को उजागर कर दिया है।

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टिकर मोड़ पर एक ट्रक हाईवे के बीचो-बीच खड़ा था, जिसकी चेतावनी के लिए कोई संकेतक नहीं लगाए गए थे। इसी दौरान टाटा से रांची की ओर आ रहा तेज रफ्तार ट्रेलर ट्रक से पीछे से जा टकराया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेलर का अगला हिस्सा पूरी तरह से पिचक गया।

चालक और खलासी का शव ट्रेलर में फंसा रह गया। राहत कार्य में जुटी टीम ने क्रेन की मदद से ट्रेलर के हिस्से को काटकर शवों को बाहर निकाला। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

हाईवे हादसों का काला इतिहास

झारखंड के रांची-टाटा मार्ग पर पहले भी कई जानलेवा दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। हाईवे पर खड़े वाहनों और तेज रफ्तार गाड़ियों के कारण यहां हादसे आम हो गए हैं।

  • 2019 में, इसी मार्ग पर एक ट्रक और बस की टक्कर में 10 लोगों की मौत हुई थी।
  • 2022 में, खड़े ट्रक से टकराने के कारण तीन बाइक सवारों की मौत हो गई थी।

इन घटनाओं से साफ होता है कि हाईवे पर ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और सड़क पर खड़े वाहनों की समस्या बड़े हादसों का कारण बन रही है।

प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

बार-बार हो रहे हादसों के बावजूद, हाईवे प्रशासन और ट्रैफिक विभाग की उदासीनता सवालों के घेरे में है।

  1. सड़क किनारे खड़े वाहनों के लिए चेतावनी संकेतकों की कमी:
    अक्सर देखा जाता है कि खराब वाहन सड़क के बीचों-बीच खड़े कर दिए जाते हैं। यह यात्रियों के लिए जानलेवा साबित होता है।

  2. ड्राइवरों की लापरवाही:
    तेज रफ्तार और ड्राइवरों की थकान के कारण कई दुर्घटनाएं होती हैं।

  3. आपातकालीन सेवाओं की धीमी प्रतिक्रिया:
    हादसे के बाद बचाव कार्य में देरी कई बार मृतकों की संख्या बढ़ा देती है।

हादसे से सबक लेना जरूरी

ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि हाईवे पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

  • सड़क पर खड़े वाहनों के लिए सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए।
  • ट्रक और ट्रेलर ड्राइवरों को रफ्तार सीमा का पालन करना चाहिए।
  • हाईवे पर सीसीटीवी निगरानी और ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई जानी चाहिए।

झारखंड सरकार और प्रशासन पर जिम्मेदारी

रांची-टाटा हाईवे झारखंड का एक प्रमुख मार्ग है, जहां औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का बड़ा हिस्सा निर्भर करता है। ऐसे में सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि इस मार्ग को सुरक्षित बनाया जाए।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।