Jamshedpur Villagers: बंगाल की आलू रोक के जवाब में झारखंड ने सब्जियों पर लगाया ब्रेक, सीमा पर घंटों तक ठप रहा व्यापार

झारखंड के ग्रामीणों ने बंगाल में सब्जियां लाने पर रोक लगाई। जानें, क्यों हुआ यह विवाद, और कैसे प्रभावित हुआ झारखंड-बंगाल का व्यापार।

Dec 6, 2024 - 16:32
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Jamshedpur Villagers: बंगाल की आलू रोक के जवाब में झारखंड ने सब्जियों पर लगाया ब्रेक, सीमा पर घंटों तक ठप रहा व्यापार
Jamshedpur Villagers: बंगाल की आलू रोक के जवाब में झारखंड ने सब्जियों पर लगाया ब्रेक, सीमा पर घंटों तक ठप रहा व्यापार

जमशेदपुर : झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच खाद्य व्यापार को लेकर शुक्रवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया। गालूडीह थाना क्षेत्र के डुमकाकोचा गांव के ग्रामीणों ने बंगाल में सब्जियों से लदे वाहनों को रोक दिया। इस विरोध का कारण था बंगाल सरकार द्वारा झारखंड से आलू की आवक पर रोक लगाना। इसके जवाब में गुस्साए ग्रामीणों ने सब्जियों को बंगाल जाने से रोकने का फैसला लिया।

घटनास्थल पर क्या हुआ?

सुबह-सुबह टमाटर, गोभी, बैंगन और धनिया लेकर जा रहे ट्रकों और वैन को डुमकाकोचा के पास रोका गया। इस घटना के बाद बंगाल सीमा के दुआरसिनी में भी हालात तनावपूर्ण हो गए। वहां के स्थानीय गांवों—लतापोड़ा, पुनसा, और मधुबन—के निवासियों ने झारखंड के सब्जी वाहनों को रोककर सड़क जाम कर दिया।

इस प्रदर्शन के कारण घंटों तक दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक गतिविधियां ठप रहीं।

ग्रामीणों का क्या कहना है?

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बंगाल सरकार ने झारखंड से आलू की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाया है। यहां तक कि बीज लाने पर भी रोक है।

  • मूल समस्या:
    झारखंड में आलू की भारी किल्लत हो गई है, जिससे कीमतें आसमान छू रही हैं।
  • ग्रामीणों का आक्रोश:
    "जब आलू झारखंड नहीं आ सकता, तो हमारी सब्जियां भी बंगाल नहीं जाएंगी।"

क्या कहती है प्रशासन की भूमिका?

घटना की सूचना पर गालूडीह थाना प्रभारी कुमार इंद्रेश और बंगाल के बांदवान थाना प्रभारी मोंताज शेख मौके पर पहुंचे।
दोनों अधिकारियों ने आक्रोशित ग्रामीणों से वार्ता कर उन्हें शांत किया। बातचीत के बाद करीब पांच घंटे बाद सड़क जाम हटाया गया, लेकिन इस दौरान सैकड़ों मजदूर और सब्जी विक्रेता जाम में फंसे रहे।

आर्थिक और कानूनी पहलू

ग्रामीणों ने कहा कि खाद्य व्यापार पर इस तरह की रोक अवैधानिक है।

  • मुक्त व्यापार का उल्लंघन:
    पूरे भारत में खाद्य पदार्थों का व्यापार बिना किसी बाधा के होना चाहिए।
  • भविष्य की चिंता:
    अगर आलू की आपूर्ति रोकी गई, तो झारखंड में इसकी कीमतें और बढ़ेंगी, जिससे आम जनता को परेशानी होगी।

पृष्ठभूमि: झारखंड-बंगाल व्यापार विवाद

  • आलू संकट का इतिहास:
    झारखंड आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है और बंगाल से आयात पर निर्भर करता है।
  • बंगाल का प्रतिबंध:
    बंगाल सरकार ने बड़े वाहनों पर आलू लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है, हालांकि व्यक्तिगत रूप से झोलों में आलू ले जाने की अनुमति है।

क्या है आगे की राह?

  • प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
  • राज्य सरकार को जल्द ही इस मामले में दोनों राज्यों के बीच संवाद स्थापित करना होगा ताकि व्यापारिक विवाद हल हो सके।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।