UP Accidents: यूपी में हादसों का कहर, 6 घंटे में तीसरी घटना में 20 लोगों की मौत, 40 घायल
उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को तीन सड़क हादसों में 20 से अधिक लोगों की मौत और कई घायल हुए। कन्नौज, चित्रकूट, और पीलीभीत में हादसे की पूरी खबर।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को सड़क हादसों का तांडव देखने को मिला। महज 6 घंटे के भीतर तीन बड़े हादसे हुए, जिनमें कुल 20 से अधिक लोगों की जान गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। कन्नौज, चित्रकूट, और पीलीभीत में हुए इन हादसों ने पूरे प्रदेश में दहशत फैला दी है।
कन्नौज में डबल डेकर बस और टैंकर की भीषण टक्कर
उत्तर प्रदेश के लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर कन्नौज जिले के सकरावा-सौरिख थाना क्षेत्र में एक डबल डेकर बस और पानी के टैंकर के बीच जोरदार टक्कर हो गई। हादसे के बाद बस सड़क किनारे पलट गई, जिससे आठ लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए। घायलों में से 17 की हालत गंभीर है। हादसे की सूचना मिलने पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह का काफिला भी मौके पर पहुंचा और उन्होंने अधिकारियों को हादसे की जानकारी देकर तत्काल मदद का निर्देश दिया।
घायलों को सैफई मेडिकल कॉलेज और स्थानीय सीएचसी में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने एम्बुलेंस की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इस हादसे में टैंकर का चालक और बस में सवार यात्रियों की हताहत हुई हैं।
पीलीभीत और चित्रकूट के हादसे
इससे पहले, पीलीभीत जिले के नेउरिया थाना क्षेत्र में एक कार पेड़ से टकरा गई, जिससे छह लोगों की मौत हो गई। कार में 11 लोग सवार थे, जिनमें से तीन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। अन्य घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं, चित्रकूट में रायपुरा थाना क्षेत्र में जीप और ट्रक की आमने-सामने की टक्कर हुई। इस हादसे में छह लोगों की मौत हुई और पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जीप में 11 लोग सवार थे, जिसमें से तीन की मौत मौके पर हुई और अन्य को अस्पताल भेजा गया।
हादसों का बढ़ता खतरा और प्रशासन की जवाबदेही
उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। खासकर हाईवे पर तेजी से बढ़ते ट्रैफिक और रफतार की अनियंत्रित गति के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। कई बार देखा गया है कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी और सड़क पर खड़े वाहनों की वजह से भी दुर्घटनाएं होती हैं।
अतीत में भी, यूपी में कई ऐसे हादसे हो चुके हैं जिनमें कई लोगों की जान चली गई है। उदाहरण स्वरूप, 2018 में, यूपी के गोरखपुर में एक बस और ट्रक की टक्कर में 15 लोगों की मौत हो गई थी। ऐसी घटनाओं से सुरक्षा उपायों को लेकर सवाल खड़े होते हैं।
मंत्री ने की तत्परता से मदद
मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने अपने काफिले के साथ मौके पर पहुंचकर अधिकारियों को मदद का निर्देश दिया, जो कि राहत कार्य में तेजी लाने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी तत्परता से घायलों को समय पर इलाज मिला और बचाव कार्य में तेजी आई।
उपाय और सुझाव
इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं:
- सड़क पर खड़े वाहनों के लिए चेतावनी संकेतक और ट्रैफिक नियमों की सख्ती से पालन।
- ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाना और सीसीटीवी निगरानी।
- ड्राइवरों को जागरूक करना और समय-समय पर ड्राइविंग टेस्ट कराना।
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