Jamshedpur Protest: टाटा कंपनी के विस्थापितों का हल्लाबोल, 3 मार्च को जाम होगा जुबिली पार्क गेट!

टाटा कंपनी के विस्थापितों ने जमशेदपुर में विरोध प्रदर्शन किया और 3 मार्च को जुबली पार्क का गेट जाम करने की चेतावनी दी। जानिए पूरी खबर!

Feb 27, 2025 - 15:11
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Jamshedpur Protest: टाटा कंपनी के विस्थापितों का हल्लाबोल, 3 मार्च को जाम होगा जुबिली पार्क गेट!
Jamshedpur Protest: टाटा कंपनी के विस्थापितों का हल्लाबोल, 3 मार्च को जाम होगा जुबिली पार्क गेट!

जमशेदपुर: टाटा कंपनी के विस्थापितों का आक्रोश अब उबाल पर है! अपनी मांगों को लेकर वे अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। इसी कड़ी में 27 फरवरी को जिला प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें सैकड़ों विस्थापितों, महिलाओं और बच्चों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो 3 मार्च को जुबली पार्क का गेट पूरी तरह जाम कर दिया जाएगा।

क्या हैं विस्थापितों की प्रमुख मांगें?

रिहैबिलिटेशन (पुनर्वास) – विस्थापितों को रहने के लिए जमीन और घर मिले।
मुआवजा – जबरन ली गई जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए।
नौकरी – टाटा कंपनी में विस्थापितों को रोजगार मिले।
विस्थापित प्रमाण पत्र – सभी विस्थापित परिवारों को प्रमाण पत्र दिया जाए।
जमीन वापसी – टाटा कंपनी की खाली जमीनों को बाहरी लोगों से बचाया जाए।
1996 सर्वे खतियान रद्द हो – विस्थापितों के साथ न्याय किया जाए।

इतिहास में विस्थापन का दर्द!

झारखंड में उद्योगों के विकास के लिए हजारों लोगों को अपने घरों से बेदखल होना पड़ा। खासकर, टाटा स्टील कंपनी की स्थापना के दौरान सैकड़ों गांव विस्थापित हुए। इन लोगों को बेहतर जीवन का वादा किया गया था, लेकिन आज भी वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। टाटा कंपनी ने जबरन कब्जाई गई जमीन पर बड़े-बड़े उद्योग खड़े कर दिए, लेकिन मूल निवासियों को उनका हक नहीं दिया गया। यही कारण है कि आज विस्थापित आंदोलन तेज हो रहा है।

डिमना डैम के विस्थापित भी उतरे सड़क पर!

इस विरोध प्रदर्शन में सिर्फ टाटा कंपनी के विस्थापित ही नहीं, बल्कि डिमना डैम के विस्थापित भी शामिल हुए। इनका भी यही आरोप है कि सरकार और प्रशासन ने उनकी जमीनें जबरन ले लीं और बदले में कुछ नहीं दिया।

महिलाओं और बच्चों ने भी उठाई आवाज!

इस विरोध प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। महिलाओं ने आरोप लगाया कि "हमारे पुरुष रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं, घर चलाना मुश्किल हो गया है और प्रशासन कुछ नहीं कर रहा।" बच्चों ने भी कहा कि "हमारा भविष्य अंधकार में है, हमें अच्छी शिक्षा और रहने के लिए घर चाहिए।"

3 मार्च को जाम होगा जुबली पार्क!

विस्थापितों ने 3 मार्च को जमशेदपुर के प्रसिद्ध जुबली पार्क के गेट को जाम करने की चेतावनी दी है। यह पार्क टाटा स्टील द्वारा संचालित होता है और शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। अगर यह जाम होता है, तो प्रशासन और कंपनी पर भारी दबाव पड़ेगा।

प्रदर्शन में कौन-कौन हुए शामिल?

प्रदर्शन में हरमोहन महतो, दीपक रंजीत, कुमार चंद मारडी, प्रहलाद गोप, नरेन सिंह, साधन पंडा, सितराम हेंब्रम, आशीष गौड़, असीम प्रधान, रामचंद्र महतो, कुदरी बोदरा, टसे हो, घासीराम गोप, तपन पांडा, कांशीनाथ प्रधान सहित कई सामाजिक और राजनीतिक संगठन भी शामिल हुए।

अब प्रशासन क्या करेगा?

अब देखना होगा कि प्रशासन विस्थापितों की मांगों पर क्या कार्रवाई करता है? क्या उनकी समस्याओं का समाधान होगा या फिर यह आंदोलन और उग्र रूप लेगा? 3 मार्च का दिन बेहद अहम रहने वाला है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।