Jamtara Cyber Crime : ठगी के 'DK Boss' गैंग का पर्दाफाश, 400 केस, 11 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा!
जामताड़ा पुलिस ने साइबर ठगी के एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने 11.34 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की। पढ़ें पूरी खबर।
जामताड़ा पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक संगठित और हाईटेक ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के सरगना समेत 6 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह अब तक 11.34 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है और देशभर में 400 से अधिक मामलों में वांछित था।
पुलिस ने इन अपराधियों के पास से 14 मोबाइल फोन, 23 सिम कार्ड, 10 एटीएम कार्ड, 1 लैपटॉप, 2 फोर व्हीलर, 1 ड्रोन कैमरा और नकद 1.08 लाख रुपये बरामद किए।
कैसे करते थे साइबर ठगी?
गिरोह का मुख्य काम सरकारी योजनाओं और बैंकों के फर्जी ऐप बनाना था। ये लोग पीएम किसान योजना, पीएम फसल बीमा योजना और बैंकों के नाम पर नकली मोबाइल ऐप्स तैयार करते थे। इन ऐप्स के जरिए व्हाट्सऐप पर लिंक्स भेजकर लोगों को निशाना बनाया जाता था।
जैसे ही कोई व्यक्ति इन लिंक्स पर क्लिक करके ऐप डाउनलोड करता, उसका मोबाइल फोन हैक हो जाता। ये ऐप्स उपयोगकर्ता की बैंक डिटेल्स, ओटीपी और व्यक्तिगत जानकारी चुरा लेते थे। इसके बाद ये अपराधी लोगों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे।
गिरोह की चालाकी का राज
इन अपराधियों की खासियत यह थी कि ये सिर्फ ठगी तक सीमित नहीं रहते थे, बल्कि अपनी फर्जी ऐप्स को 20-25 हजार रुपये में अन्य साइबर अपराधियों को बेचते भी थे। गिरोह के तीन सदस्य खुद को "डीके बॉस" के नाम से पहचानते थे, जिनकी फर्जी ऐप्स अन्य साइबर अपराधियों में बेहद लोकप्रिय थीं।
छापेमारी के दौरान, पुलिस को 100 से अधिक फर्जी मोबाइल ऐप्स और 2700 पीड़ितों का डाटा मिला। इन डाटा में बैंकों से लेनदेन संबंधित मैसेज, व्हाट्सऐप ओटीपी और फोनपे लॉगिन ओटीपी जैसे संवेदनशील संदेश शामिल थे।
आईपीएस अधिकारियों की मेहनत लाई रंग
जामताड़ा के पुलिस अधीक्षक डॉ. एहतेशाम वकारिब ने बताया कि ट्रेनी आईपीएस ऑफिसर राघवेंद्र शर्मा और डीएसपी चंद्रशेखर के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई थी। टीम ने एक महीने से अधिक समय तक इस गिरोह की गतिविधियों पर नज़र रखी। उनकी सतर्कता और कड़ी मेहनत के बाद इस गिरोह का भंडाफोड़ हो सका।
इतिहास: जामताड़ा का साइबर क्राइम हब बनना क्यों मशहूर है?
जामताड़ा, झारखंड का एक छोटा सा जिला, लंबे समय से साइबर अपराध का केंद्र माना जाता है। यहां के युवा हाईटेक गैजेट्स और इंटरनेट का उपयोग करके साइबर क्राइम को अंजाम देते हैं। Netflix की एक सीरीज़ "जामताड़ा" ने भी यहां के साइबर ठगी के मामलों को सुर्खियों में ला दिया।
क्या बरामद हुआ गिरोह से?
इस गिरोह से बरामद सामग्रियों में ड्रोन कैमरा, डीएसएलआर, 14 स्मार्टफोन, 10 एटीएम कार्ड और 2.78 लाख संदेश मिले हैं। ये सभी सामग्रियां गिरोह की हाईटेक ठगी का सबूत हैं।
आगे की कार्रवाई क्या?
गिरफ्तार सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस अब इनके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है। इसके अलावा, इनकी फर्जी ऐप्स और वेबसाइट्स की भी जांच जारी है।
जामताड़ा पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से साइबर ठगी के खिलाफ जागरूकता बढ़ने और अपराधियों पर शिकंजा कसने की उम्मीद है।
क्या आपने कभी ऐसे ऐप्स के लिंक्स देखे हैं? अपनी जानकारी साझा करें और सतर्क रहें।
What's Your Reaction?