Jamshedpur Water Supply: विधायक सरयू राय का बड़ा कदम, पेयजल सुविधा के लिए उपायुक्त से किया आग्रह
जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने उपायुक्त से आग्रह किया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक पेयजल सुविधा पहुंचाने के लिए बैठक बुलाएं। जानें इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में।
जमशेदपुर, 25 दिसंबर 2024: जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त से एक अहम मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग को पेयजल सुविधा प्रदान करने के लिए बैठक बुलाने का अनुरोध किया है। राय ने यह सुझाव दिया कि जमशेदपुर क्षेत्र के विभिन्न बस्तियों में पेयजल सुविधा की कमी को दूर करने के लिए एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया जाए, जिसमें जेएनएसी, टाटा स्टील यूआईएसएल, और जरूरत पड़ने पर स्वयं सरयू राय भी शामिल हो सकते हैं।
क्या है पेयजल कनेक्शन का संकट?
राय ने बताया कि कदमा, सोनारी, और बिष्टुपुर जैसे प्रमुख इलाकों में टाटा स्टील यूआईएसएल ने पानी की आपूर्ति के लिए कनेक्शन दिए हैं, लेकिन इनमें से कई घरों में अभी भी पानी का कनेक्शन नहीं हो पाया है। इसका कारण यह है कि इन घरों के लिए बहुत अधिक जल संयोजन शुल्क वसूला जा रहा है, जो दैनिक वेतनभोगी मजदूरों और गरीब परिवारों के लिए संभव नहीं है। वे लोग 13,000 से 25,000 रुपये तक का शुल्क कैसे चुका सकते हैं? इस भारी शुल्क के कारण, जल संयोजन का लाभ गरीब परिवारों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
सरयू राय ने उपायुक्त को लिखे पत्र में क्या कहा?
अपने पत्र में सरयू राय ने टाटा लीज नवीकरण समझौता 2005 का हवाला दिया और बताया कि इस समझौते के तहत टाटा स्टील को जमशेदपुर के सभी घरों में जलापूर्ति कनेक्शन देने की जिम्मेदारी दी गई थी। राय ने यह भी कहा कि टाटा स्टील को अपनी खर्चों पर आधारभूत संरचना बनानी चाहिए और वही शुल्क उपभोक्ताओं से वसूलना चाहिए, जो राज्य सरकार अपनी नगरपालिकाओं के लिए वसूलती है। राज्य सरकार द्वारा जल संयोजन शुल्क बढ़ाया गया है, लेकिन अब इसमें एक प्रावधान भी जोड़ा गया है, जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को निःशुल्क कनेक्शन प्रदान किया जाएगा।
आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों के लिए जल कनेक्शन का महत्व
सरयू राय ने यह भी कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की कई योजनाओं में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वाले परिवारों के लिए आय का एक मानक स्तर तय किया गया है। फिलहाल, वार्षिक आय 70,000 रुपये से कम वाले परिवारों को गरीब माना जाता है, और उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिलता है। राय ने सुझाव दिया कि जेएनएसी और टाटा स्टील यूआईएसएल द्वारा जल संयोजन के लिए इसी मानक का पालन किया जाना चाहिए।
किसका होगा नियंत्रण?
राय ने पत्र में यह भी पूछा कि टाटा लीज नवीकरण समझौता-2005 के तहत यह कार्य किसके द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब भी उन्होंने राज्य सरकार से इस बारे में पूछा, तो उन्हें बताया गया कि इस स्थिति में जिला उपायुक्त को नियंत्रण अधिकारी माना जाएगा।
बैठक का प्रस्ताव
राय ने उपायुक्त से आग्रह किया है कि वह जल्द से जल्द एक बैठक बुलाएं, जिसमें जेएनएसी के उप नगर आयुक्त, टाटा स्टील यूआईएसएल के महाप्रबंधक, और आवश्यकता होने पर सरयू राय भी उपस्थित हों। बैठक में यह तय किया जाएगा कि किस प्रकार से आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्गों को पेयजल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
यह पहल सरयू राय की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने में मदद कर सकती है। यदि इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है, तो यह जमशेदपुर के कई कच्चे-पक्के मकानों में रहने वाले लोगों के लिए एक राहत हो सकती है। अब यह देखना होगा कि उपायुक्त इस प्रस्ताव पर क्या कदम उठाते हैं, और जल संयोजन की समस्या का समाधान कब तक होगा।
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