जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने वीर बाल दिवस के मौके पर गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों के अतुलनीय बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह अवसर न केवल सिख धर्म के वीरता की याद दिलाने वाला था, बल्कि देश के इतिहास को फिर से उजागर करने का भी एक ऐतिहासिक प्रयास था। गुरुवार को जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।
साहिबजादों के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत की गई, जहां उपस्थित नेताओं और कार्यकर्ताओं ने वीर साहिबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मंच संचालन जिला उपाध्यक्ष संजीव सिन्हा और धन्यवाद ज्ञापन मंजीत सिंह ने किया।
बड़कुंवर गागराई ने वीर बाल दिवस की महत्ता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह दिन हमारे इतिहास में दर्ज उन वीर सपूतों के बलिदान को याद करने का दिन है, जिन्होंने धर्म और न्याय के लिए अपनी जान दी। पीएम मोदी के इस पहल से साहिबजादों के बलिदान को सम्मान मिला है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।"
साहिबजादों का बलिदान महज एक शौर्य की कहानी नहीं, बल्कि हमारे देश की संस्कृति और धर्म की रक्षा का जीवित उदाहरण है। 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय न केवल सिख समाज के लिए, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबजादों के बलिदान को राष्ट्रीय पहचान दी, जिससे यह दिवस हर भारतीय के दिल में जीवित रहेगा।
कार्यक्रम में भाजपा के जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने साहिबजादों की वीरता का उल्लेख करते हुए कहा, "साहिबजादों ने महज अपनी छोटी उम्र में धर्म, संस्कृति और न्याय की रक्षा के लिए बलिदान दिया। उनका शौर्य न केवल सिख समाज के लिए, बल्कि समूचे राष्ट्र के लिए प्रेरणा का स्रोत है।" उन्होंने माताओं से अपील की कि वे अपने बच्चों को साहिबजादों की वीरता की गाथाएं सुनाएं, ताकि उनमें देशभक्ति और धर्म के प्रति समर्पण की भावना जागृत हो सके।
इस अवसर पर प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद, कार्यक्रम के प्रदेश सह संयोजक कुलवंत सिंह बंटी, और अन्य कई नेताओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने साहिबजादों के बलिदान को आदर के साथ याद किया और उनके शौर्य को सलाम किया।
बता दें कि यह दिन सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह जी के चार वीर पुत्रों की शहादत को समर्पित है। 1705 में जब इन साहिबजादों ने अपनी जान दी, तब उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि सच्चाई और धर्म के रास्ते पर चलने के लिए हर किसी को अपनी जान की आहुति देनी पड़ती है। आज़ादी के संघर्ष में उनकी यह शहादत भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाती है।
यह वीर बाल दिवस हमें साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान और उनके साहस को याद करने का अवसर देता है, साथ ही यह हमें हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर की अहमियत को समझाता है।
यह कार्यक्रम भाजपा द्वारा आयोजित एक ऐतिहासिक पहल थी, जिसने साहिबजादों की शहादत को सम्मान दिया और राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण फिर से जीवित किया।