Jamshedpur Suicide: पत्नी से झगड़े के बाद कंपनी कर्मचारी ने लगाई फांसी, क्या शादीशुदा तनाव बना मौत की वजह?
जमशेदपुर के टुइलाडूंगरी में 36 वर्षीय अंजन पोएड़ा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वैवाहिक विवाद के बाद उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। पुलिस जांच में जुटी है।

जमशेदपुर: एक औद्योगिक और शांत शहर, पर यहां की फिज़ाओं में शनिवार रात एक बार फिर मौत की खामोशी गूंज उठी। गोलमुरी थाना क्षेत्र के टुइलाडूंगरी इलाके में रहने वाले 36 वर्षीय अंजन पोएड़ा ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा है, और परिवार में मातम पसरा हुआ है। पर सवाल ये है—एक सामान्य नौकरी करने वाला, 8 साल की बेटी का पिता और शादीशुदा व्यक्ति आखिर ऐसा क्या देख गया कि उसे जिंदगी छोड़ने का फैसला करना पड़ा?
शांत स्वभाव, मेहनती इंसान और फिर अचानक मौत?
अंजन पोएड़ा एक निजी कंपनी में फीटर का काम करता था। 10 साल पहले उसने विवाह किया था और पिछले छह महीने से वो अपनी पत्नी और बेटी के साथ टुइलाडूंगरी में किराये के घर में रह रहा था।
उसके पिता, भाई और अन्य परिजन पास के ही छायानगर में रहते हैं। अंजन का अब तक कोई आपराधिक या मानसिक रोग से जुड़ा रिकॉर्ड नहीं था।
ऐसे में उसकी आत्महत्या ने सभी को हैरान और परेशान कर दिया है।
मौत की रात: फोन कॉल और टूटा परिवार
अंजन के छोटे भाई कंचन पोएड़ा ने बताया कि शनिवार रात उन्हें भाभी का फोन आया—जिसमें उन्होंने बताया कि अंजन ने फांसी लगा ली है।
जब परिवार दौड़कर मौके पर पहुंचा, तो अंजन जमीन पर बेसुध पड़ा था। वे उसे तुरंत एमजीएम अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार का शक है कि अंजन और उसकी पत्नी के बीच वैवाहिक तनाव चल रहा था, और शायद किसी झगड़े के बाद उसने यह कठोर कदम उठा लिया।
घरेलू कलह या मानसिक दबाव?
भारत में आत्महत्याओं की बड़ी वजहों में से एक है घरेलू कलह और भावनात्मक तनाव।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल हजारों पुरुष और महिलाएं इसी तरह के घरेलू विवादों की वजह से आत्महत्या कर लेते हैं।
अंजन का मामला भी कुछ ऐसा ही लगता है—जहां संवादहीनता, भावनात्मक एकाकीपन, और असहनीय दबाव ने एक ज़िम्मेदार व्यक्ति को मौत की ओर धकेल दिया।
पुलिस जांच में जुटी, पर सवाल बाकी
घटना की जानकारी गोलमुरी थाना पुलिस को दे दी गई है। पुलिस अब घटनास्थल की फोरेंसिक जांच, परिवार और पत्नी के बयान, और मोबाइल कॉल डिटेल्स के आधार पर आगे की जांच कर रही है।
हालांकि अभी तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, पर पुलिस के अनुसार शुरुआती जांच में घरेलू तनाव ही मुख्य वजह प्रतीत हो रहा है।
बेटी की आंखों में पिता की परछाईं
इस पूरी घटना में सबसे दर्दनाक पहलू है—अंजन की 8 साल की बेटी, जिसने अब हमेशा के लिए अपने पिता को खो दिया।
उस मासूम की आंखों में अब भी सवाल हैं—"पापा क्यों चले गए?" और शायद इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे पाएगा।
क्या कहा जाए इस चुप्पी को?
जब समाज में ऐसे हादसे होते हैं, तो हम अक्सर खबर पढ़कर आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन उन परिवारों की कहानी वहीं ठहर जाती है।
अंजन की मौत सिर्फ एक इंसान का अंत नहीं, बल्कि एक परिवार की भावनात्मक बर्बादी है।
जमशेदपुर आत्महत्या कांड ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपनी जिंदगी में दूसरों की भावनाओं और तनाव को नजरअंदाज कर रहे हैं?
क्या हम समय रहते अपने करीबियों के मन की आवाज़ सुन पा रहे हैं?
और क्या हम ऐसे समाज में रह रहे हैं जहां एक खुश दिखने वाला इंसान भी अंदर से टूट चुका होता है?
पुलिस जांच से जो भी सच सामने आए, लेकिन इस घटना ने एक बात साफ कर दी—मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संवाद को अगर हम अब भी नजरअंदाज करते रहे, तो ऐसी घटनाएं रुकने की बजाय बढ़ती जाएंगी।
अब वक्त है कि हम सिर्फ खबरें न पढ़ें, बल्कि जिंदगी के इशारों को समझें।
What's Your Reaction?






