Jamshedpur Road Safety Month: उपायुक्त ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जागरूकता रथ, जानिए अभियान के उद्देश्य
जमशेदपुर में 1 जनवरी से 31 जनवरी तक मनाए जा रहे सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत उपायुक्त ने जागरूकता रथ रवाना किया। जानिए अभियान के उद्देश्य और इसके महत्व के बारे में!
जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम जिला) में सड़क सुरक्षा माह की शुरुआत एक खास पहल के साथ की गई। 01 जनवरी से 31 जनवरी तक मनाए जा रहे सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जमशेदपुर के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने समाहरणालय से जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह अभियान शहरवासियों को सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करने और यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करने का काम करेगा।
सड़क सुरक्षा अभियान का उद्देश्य
इस जागरूकता रथ को लेकर उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हर व्यक्ति को यातायात नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। रथ के माध्यम से वाहन चालकों को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने और शराब पीकर गाड़ी न चलाने जैसे महत्वपूर्ण नियमों की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही, दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रेरित किया जाएगा।
सड़कों पर हो रही लापरवाही पर रोक
सरकार और प्रशासन का यह उद्देश्य है कि सड़क पर होने वाले हादसों को कम किया जा सके। वाहन चालकों की लापरवाही से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। खासकर तेज रफ्तार, शराब पीकर गाड़ी चलाना, और हेलमेट या सीट बेल्ट न पहनने की आदतें सड़क पर जीवन को जोखिम में डालती हैं। इस अभियान का उद्देश्य इन आदतों को बदलना है। उपायुक्त ने भी कहा कि सड़क पर सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति को जिम्मेदारी निभानी होगी।
क्या-क्या रहेगा इस अभियान में?
जागरूकता रथ जिले के विभिन्न हिस्सों में घूमेगा और वहां के नागरिकों को सड़क सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण संदेश देगा। अभियान के तहत स्कूलों, कॉलेजों, और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, पोस्टर वितरण, सड़क सुरक्षा साइनबोर्ड लगाने और अन्य जागरूकता गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और उन्हें सतर्क बनाना है।
इतिहास में सड़क सुरक्षा और प्रशासन की भूमिका
झारखंड में सड़क सुरक्षा के मामले में प्रशासन की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है। राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ने के कारण समय-समय पर प्रशासन द्वारा ऐसे अभियान चलाए जाते हैं ताकि लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में बताया जा सके। खासकर जमशेदपुर जैसे शहरों में, जहां व्यस्त सड़कें और बढ़ती संख्या में वाहन हैं, सड़क सुरक्षा की गंभीरता को समझना जरूरी है।
सड़क सुरक्षा के उपायों पर जोर
जागरूकता रथ के जरिए सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया जाएगा। इसमें विशेष रूप से दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने की आदत डालने पर बल दिया जाएगा। साथ ही, चार पहिया या भारी वाहन चालकों को सीट बेल्ट लगाने की सलाह दी जाएगी। तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने और शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं से भी लोगों को अवगत कराया जाएगा। यह अभियान खासकर 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने से रोकने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
अभियान का लंबा असर: क्या होगा बदलाव?
यह सवाल है कि क्या इस जागरूकता अभियान का असर लंबे समय तक रहेगा? क्या लोग इस संदेश को सच्ची भावना से अपनाएंगे? इस पर जवाब यही है कि जब तक इस तरह के जागरूकता अभियान नहीं होंगे, तब तक सड़क सुरक्षा से संबंधित समस्याएं बनी रहेंगी। प्रशासन का यह प्रयास निश्चित रूप से आम जनमानस में एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है, बशर्ते लोग इसे अपने जीवन में उतारें।
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