Jamshedpur Rasleela: पंडित विष्णु कांत भारद्वाज की कथा सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु!

जमशेदपुर में श्रीमद्भागवत कथा में पंडित विष्णु कांत भारद्वाज ने महारास लीला, श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह और कंस वध की कथा सुनाई, भक्त भाव-विभोर हुए! जानें इस अद्भुत लीला का आध्यात्मिक रहस्य।

Feb 6, 2025 - 11:44
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Jamshedpur Rasleela: पंडित विष्णु कांत भारद्वाज की कथा सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु!
Jamshedpur Rasleela: पंडित विष्णु कांत भारद्वाज की कथा सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु!

जमशेदपुर :  श्री राधा कृष्णा लक्ष्मी नारायण मंदिर, बारीडीह, पुरानी बस्ती में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन पंडित विष्णु कांत भारद्वाज ब्रजवासी भैया द्वारा सुनाई गई महारास लीला ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। कथा में मथुरा गमन, कंस वध और भगवान श्रीकृष्ण एवं रुक्मिणी विवाह का दिव्य प्रसंग सुनाया गया। इस अवसर पर रुक्मिणी विवाह की भव्य झांकी भी सजाई गई, जिसमें संगीतमय वातावरण में भक्तों ने भक्ति रस में डूबकर भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान किया।

महारास लीला का रहस्य: क्यों थीं ब्रज गोपियां विशेष?

पंडित विष्णु कांत भारद्वाज ब्रजवासी भैया ने कथा में बताया कि महारास लीला कोई साधारण नृत्य नहीं था, बल्कि यह भगवान श्रीकृष्ण की परम रहस्यमयी लीला थी। उन्होंने कहा कि ब्रज गोपियां कोई सामान्य स्त्रियां नहीं थीं, बल्कि वे पिछले जन्म के महान तपस्वी ऋषि-मुनि थीं, जिन्होंने भगवान को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। उनके इसी अनन्य प्रेम और भक्ति के कारण ही भगवान ने स्वयं उन्हें महारास लीला में सहभागी होने का सौभाग्य दिया।

शरद पूर्णिमा और महारास लीला का दिव्य आयोजन

भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में यमुना तट पर महारास रचाया, जहां उन्होंने अपनी अद्भुत बांसुरी की धुन से ब्रह्मांड को मोहित कर लिया। इस लीला में असंख्य ब्रजगोपियों को भगवान श्रीकृष्ण का सानिध्य प्राप्त हुआ। इतना ही नहीं, भगवान शिव भी इस अद्वितीय लीला के दर्शन करने के लिए ब्रज गोपी का स्वरूप धारण कर श्रीधाम वृंदावन पहुंचे थे।

भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह का भव्य उत्सव

कथा में पंडित विष्णु कांत भारद्वाज ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह का भी वर्णन किया। उन्होंने बताया कि जब रुक्मिणी ने श्रीकृष्ण को अपने पति रूप में स्वीकार किया, तो भगवान ने रणछोड़ स्वरूप धारण कर उनका हरण किया और उनसे विवाह कर लिया। इस अवसर पर भव्य झांकी सजाई गई, जिसमें श्रद्धालुओं ने बधाइयों के गीत गाकर विवाह उत्सव का आनंद उठाया।

श्रीमद्भागवत कथा में उमड़ी भक्तों की भीड़

कथा के दौरान मंदिर परिसर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ाशिवराज सिंह, दिनेश कुमार सिंह, अंकित पंत, लोकेश शास्त्री, आकांक्षा सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। यजमान परिवार ने श्रीमद्भागवत जी की आरती उतारी, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।

क्या है महारास लीला का आध्यात्मिक संदेश?

महारास लीला यह दर्शाती है कि जब भक्त अपने मन, वचन और कर्म से ईश्वर को समर्पित हो जाता है, तो भगवान स्वयं उसकी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। श्रीमद्भागवत महापुराण में कहा गया है कि यह लीला केवल भक्ति का सर्वोच्च स्वरूप दिखाने के लिए रची गई थी।

जमशेदपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा और महारास लीला ने श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति की गंगा प्रवाहित कर दी। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का श्रवण कर हर भक्त ध्यानमग्न और भावविभोर हो गया। इस कथा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भगवान की भक्ति ही सच्चा मोक्ष का मार्ग है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।