Jamshedpur: खनिज लक्षण वर्णन और सज्जीकरण पर सीएसआईआर-एनएमएल का उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम

जमशेदपुर में सीएसआईआर-एनएमएल ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के लिए खनिज लक्षण वर्णन, सज्जीकरण और संकुलन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम ने खनिज इंजीनियरिंग में तकनीकी ज्ञान और कौशल उन्नयन पर जोर दिया।

Dec 3, 2024 - 19:03
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Jamshedpur: खनिज लक्षण वर्णन और सज्जीकरण पर सीएसआईआर-एनएमएल का उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम
Jamshedpur: खनिज लक्षण वर्णन और सज्जीकरण पर सीएसआईआर-एनएमएल का उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम

03 दिसम्बर, 2024: जमशेदपुर स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) ने खनिज लक्षण वर्णन, सज्जीकरण और संकुलन (एमसीबीए-2024) पर एक कॉर्पोरेट प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। 3 से 5 दिसंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के अधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन एनएमएल के व्याख्यान कक्ष में हुआ, जिसमें सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी, खनिज प्रसंस्करण प्रमुख डॉ. देवब्रत मिश्रा, और मानव संसाधन प्रमुख डॉ. एस. शिवाप्रसाद समेत अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।

खनिज संसाधनों के सतत विकास पर जोर

उद्घाटन समारोह के दौरान डॉ. संदीप घोष चौधरी ने खनिज संसाधनों के टिकाऊ उपयोग और निम्न-श्रेणी के अयस्कों के सज्जीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे एनएमएल खनिज लक्षण वर्णन और संकुलन के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा दे रहा है।

डॉ. देवब्रत मिश्रा ने खनिज प्रसंस्करण प्रभाग की ऐतिहासिक उपलब्धियों और उद्योग जगत के साथ इसके मजबूत संबंधों की जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों को एनएमएल की अनुसंधान और विकास सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठाने का सुझाव दिया।

उद्योग और अनुसंधान के बीच सेतु

डॉ. एस. शिवाप्रसाद ने एनएमएल की अग्रणी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खनिज इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एनएमएल दशकों से उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देता है, बल्कि उद्योग, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के बीच संवाद स्थापित करता है।

डॉ. शीतल कुमार पाल ने औद्योगिक समस्याओं के समाधान में एनएमएल की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने व्यापार और अनुसंधान के दीर्घकालिक संबंधों की आवश्यकता पर बल दिया।

क्या है खनिज प्रसंस्करण और इसका महत्व?

खनिज संसाधनों को उपयोगी उत्पादों में बदलने की प्रक्रिया में सज्जीकरण और संकुलन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसमें निम्न-श्रेणी के अयस्कों को उन्नत करने के लिए तकनीकों जैसे गुरुत्वाकर्षण पृथक्करण, चुंबकीय पृथक्करण, और झाग प्लवन का उपयोग किया जाता है। एनएमएल ने इस क्षेत्र में वर्षों से अपनी विशेषज्ञता स्थापित की है और वैश्विक उद्योगों के लिए समाधान विकसित किए हैं।

एमसीबीए-2024: कार्यक्रम की विशेषताएं

एमसीबीए-2024 प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन मुख्य उद्देश्यों पर केंद्रित था:

  1. तकनीकी कौशल का विकास: प्रतिभागियों को खनिज लक्षण वर्णन और प्रसंस्करण के आधुनिक उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
  2. ज्ञान साझा करना: उद्योग और अनुसंधान के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।
  3. विकसित तकनीकों का उपयोग: प्रशिक्षण ने खनिज इंजीनियरिंग में अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित किया।

एनएमएल की विरासत

सीएसआईआर-एनएमएल ने अपने 75 वर्षों के इतिहास में खनिज इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। यह संस्थान न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर उद्योगों के लिए अनुसंधान और तकनीकी समाधान प्रदान करता है। ब्रिक्वेटिंग, सिंटरिंग, और पैलेटाइजेशन जैसे क्षेत्रों में इसके नवाचार इसे खनिज इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अग्रणी बनाते हैं।

भविष्य के लिए एनएमएल का दृष्टिकोण

एमसीबीए-2024 जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि उद्योग और अनुसंधान एक साथ मिलकर खनिज संसाधनों के टिकाऊ उपयोग को बढ़ावा दें। एनएमएल का लक्ष्य कौशल विकास के माध्यम से खनिज संसाधनों के उपयोग में सुधार लाना और सतत विकास की दिशा में योगदान देना है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने न केवल प्रतिभागियों के कौशल को उन्नत किया, बल्कि उद्योग और अनुसंधान के बीच एक मजबूत सेतु का निर्माण किया। जमशेदपुर स्थित एनएमएल की यह पहल खनिज संसाधनों के टिकाऊ उपयोग और तकनीकी नवाचारों के लिए एक प्रेरणा है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।