Jamshedpur Conference: कोयला और खनिज लक्षण वर्णन में नवाचार, ICMCS-2025 सम्मेलन ने बढ़ाई संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा

कोयला और खनिज लक्षण वर्णन में नवाचार पर आधारित ICMCS-2025 सम्मेलन का आयोजन सीएसआईआर-एनएमएल द्वारा किया गया। जानिए इस सम्मेलन से जुड़ी प्रमुख बातें और किस तरह यह शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के लीडरों के लिए महत्वपूर्ण है।

Jan 30, 2025 - 15:27
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Jamshedpur Conference: कोयला और खनिज लक्षण वर्णन में नवाचार, ICMCS-2025 सम्मेलन ने बढ़ाई संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा
Jamshedpur Conference: कोयला और खनिज लक्षण वर्णन में नवाचार, ICMCS-2025 सम्मेलन ने बढ़ाई संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा

सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनएमएल), जमशेदपुर ने 30-31 जनवरी, 2025 को कोलकाता के फेयरफील्ड बाय मैरियट में “संसाधनों के सतत उपयोग के लिए कोयला और खनिज लक्षण वर्णन में नवाचार (ICMCS-2025)” विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य शोधकर्ताओं, उद्योग जगत के लीडरों और नीति निर्माताओं को एक साझा मंच प्रदान करना था ताकि वे संसाधनों के सतत उपयोग और नवाचार के लिए सहयोग कर सकें।

सम्मेलन का उद्देश्य और विचारधारा

सीएसआईआर-एनएमएल के प्लेटिनम जयंती के अवसर पर आयोजित यह सम्मेलन कोयला और खनिज लक्षण वर्णन, संसाधन अन्वेषण और टिकाऊ प्रथाओं में नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित था। यह कार्यक्रम देश भर के 30 से अधिक संस्थानों से आए 100 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ आयोजित किया गया। सम्मेलन में छह सत्रों में 37 तकनीकी पेपर प्रस्तुत किए गए, जिनमें कोयला और खनिज अनुसंधान के अत्याधुनिक विषयों पर चर्चा की गई।

सम्मेलन का उद्घाटन और मुख्य अतिथियों के विचार

सम्मेलन का उद्घाटन फेयरफील्ड बाय मैरियट, कोलकाता में हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि श्री मनोज कुमार, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, सीएमपीडीआई, रांची और डॉ. संदीप घोष चौधरी, निदेशक, सीएसआईआर-एनएमएल सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सम्मिलित होकर सम्मेलन स्मारिका का विमोचन किया।

सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने विचार साझा करते हुए बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य कोयला और खनिज लक्षण वर्णन में नवाचार को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन उद्योगों और अनुसंधान संगठनों के बीच दीर्घकालिक सहयोग को प्रोत्साहित करेगा, जिससे संसाधनों के सतत उपयोग में मदद मिल सकेगी।

प्रमुख उद्योगों और संगठनों की सहभागिता

सम्मेलन में विभिन्न प्रमुख संगठनों जैसे आईआईटी खड़गपुर, बीएचयू वाराणसी, एनसीसीसीएम बीएआरसी हैदराबाद, एनटीपीसी, टाटा स्टील लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड और सीएसआईआर-सीआईएमएफआर धनबाद आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और संसाधन उपयोग एवं स्थिरता में चुनौतियों के समाधान की दिशा में योगदान दिया।

सम्मेलन में दिए गए प्रमुख भाषण

सम्मेलन में उद्योग जगत के लीडर श्री सुंदर रामम डीबी, उपाध्यक्ष, रॉ मैटेरियल, टाटा स्टील लिमिटेड और श्री जॉय गोपाल घोष, एसोसिएट प्रिंसिपल (भूविज्ञान और अन्वेषण), जियोवेल सर्विसेज ने पूर्ण व्याख्यान दिए। उन्होंने कोयला लक्षण-निर्धारण में उभरते रुझानों और अन्वेषण तकनीकों पर चर्चा की और संसाधन उपयोग के लिए टिकाऊ दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।

सीएमपीडीआई की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए श्री मनोज कुमार का संबोधन

मुख्य अतिथि श्री मनोज कुमार ने अपने संबोधन में सीएमपीडीआई और सीएसआईआर-एनएमएल के बीच सहयोग को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थानों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी ने कोयला लक्षण-निर्धारण और प्रमाणित संदर्भ सामग्री में प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अनुसंधान संगठनों और उद्योगों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

आईसीएमसीएस-2025 का समापन और भविष्य की दिशा

सम्मेलन का समापन डॉ. राजेन कुंडू द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और सम्मेलन को सफल बनाने में योगदान देने के लिए आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की।

आईसीएमसीएस-2025 सम्मेलन ने यह साबित कर दिया कि अनुसंधान और उद्योगों के बीच सहयोग से नवाचार को बढ़ावा मिल सकता है, और संसाधनों के सतत उपयोग में आने वाली चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। यह सम्मेलन भविष्य में उद्योग और समाज के लिए लाभकारी साबित होगा और कोयला एवं खनिज लक्षण वर्णन में नवाचार को आगे बढ़ाएगा।

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