Jamshedpur Election Result: संजय सिंह हितैषी बने टेल्को क्षत्रिय संघ के अध्यक्ष, युवा नेतृत्व की नई शुरुआत!
जमशेदपुर के टेल्को में झारखंड क्षत्रिय संघ की बैठक में संजय सिंह हितैषी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। युवाओं को नेतृत्व में लाने की बात पर केंद्रीय अध्यक्ष ने दिया जोर।

झारखंड क्षत्रिय संघ की टेल्को इकाई में अब संजय सिंह हितैषी की अगुवाई में एक नई दिशा तय होने वाली है। आम बगान मैदान, टेल्को में आयोजित हुई संघ की अहम बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। इस चुनाव ने न सिर्फ संगठन के भीतर युवा नेतृत्व की वापसी का संकेत दिया है, बल्कि क्षत्रिय समाज में एक नई ऊर्जा का संचार भी किया है।
बैठक का आगाज़ और गरिमा
बैठक की अध्यक्षता संघ के केंद्रीय अध्यक्ष शंभूनाथ सिंह ने की। दीप प्रज्वलन के साथ बैठक का शुभारंभ किया गया, जिसमें संरक्षक नंदकिशोर सिंह, उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह, महासचिव मंजू सिंह, सचिव अनूप सिंह, और टाटा मोटर यूनियन के महामंत्री आर. के. सिंह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
क्यों खास है संजय सिंह हितैषी का चयन?
संजय सिंह हितैषी के अध्यक्ष बनने को लेकर संघ में खासा उत्साह देखा गया। उन्होंने अपने पहले ही संबोधन में कहा,
“जो जिम्मेदारी केंद्रीय कमेटी ने मुझे दी है, मैं उसे समाज हित में पूरी निष्ठा से निभाऊंगा। संगठन सर्वोपरि है और उसकी मजबूती के लिए हरसंभव प्रयास करूंगा।”
उनके ये शब्द केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि संगठन में युवा सोच और नयी कार्यशैली की उम्मीद बन गए हैं।
केंद्रीय अध्यक्ष का संदेश: संगठन पहले, व्यक्ति बाद में
केंद्रीय अध्यक्ष शंभूनाथ सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि
“अब वक्त है कि युवा पीढ़ी संगठन की कमान संभाले। क्षत्रिय संघ कोई साधारण संस्था नहीं, यह हमारी परंपरा, संस्कृति और अस्तित्व का प्रतीक है।”
उन्होंने याद दिलाया कि झारखंड क्षत्रिय संघ केवल सामाजिक संगठन नहीं, बल्कि एक पारिवारिक इकाई की तरह कार्य करता है, जिसमें महिला और युवा दोनों की समान भागीदारी होती है।
इतिहास में झांकें तो...
क्षत्रिय समाज की संगठित शक्ति की जड़ें बहुत पुरानी हैं। झारखंड में क्षत्रिय संघ की स्थापना का उद्देश्य सिर्फ समाज की एकता नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, परंपराओं की रक्षा और अगली पीढ़ी को दिशा देने का रहा है। टेल्को इकाई हमेशा से इस उद्देश्य की पहली पंक्ति में रही है, चाहे बात रामनवमी सेवा शिविर की हो या सांस्कृतिक आयोजन की।
भविष्य की दिशा और उम्मीदें
बैठक में टेल्को इकाई की अब तक की गतिविधियों की समीक्षा की गई और आने वाले समय में संगठन को कैसे और मज़बूत बनाया जाए, इस पर भी विस्तार से चर्चा हुई। अध्यक्ष ने रामनवमी पर सेवा शिविर आयोजित करने के लिए टेल्को इकाई की सराहना की और कहा कि
“इस तरह के कार्य समाज को संगठित और जागरूक बनाते हैं।”
युवा नेतृत्व से नयी रफ्तार
संजय सिंह हितैषी का अध्यक्ष बनना केवल एक औपचारिक चुनाव नहीं है, बल्कि संघ की नई पीढ़ी को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यह नेतृत्व संगठन में वह ऊर्जा और नवाचार ला पाएगा जिसकी उम्मीद की जा रही है?
फिलहाल, जमशेदपुर के टेल्को से उठी यह लहर झारखंड के क्षत्रिय समाज में नई जान फूंकने का संकेत है।
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