Jamshedpur Child Death: जमशेदपुर में हादसा, खेलते समय दीवार से गिरने पर बच्चे की दर्दनाक मौत!

Jamshedpur के उलीडीह थाना क्षेत्र में 10 वर्षीय बालक की चहारदीवारी से गिरने से दर्दनाक मौत। जानें पूरी घटना की जानकारी और इसके पीछे की वजह।

Jan 1, 2025 - 12:43
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Jamshedpur Child Death: जमशेदपुर में हादसा, खेलते समय दीवार से गिरने पर बच्चे की दर्दनाक मौत!
Jamshedpur Child Death: जमशेदपुर में हादसा, खेलते समय दीवार से गिरने पर बच्चे की दर्दनाक मौत!

जमशेदपुर के उलीडीह थाना क्षेत्र के शंकोसाई रोड नंबर 4 खड़िया बस्ती में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मंगलवार सुबह खेलते समय 10 वर्षीय बालक धीरज कुमार की चहारदीवारी से गिरने के कारण दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है और परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है।

कैसे हुआ हादसा?

धीरज कुमार, जो बोल नहीं पाता था, मंगलवार सुबह अपने घर के सामने खेल रहा था। खेल-खेल में वह चहारदीवारी पर चढ़ गया और अचानक नीचे गिर पड़ा। गिरने के साथ ही उसके मुंह और नाक से खून बहने लगा। गिरावट इतनी गंभीर थी कि उसे तुरंत इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार ने उम्मीद नहीं छोड़ी और उसे टीएमएच ले गए, लेकिन वहां भी चिकित्सकों ने उसे मृत बताया।

परिवार की स्थिति

धीरज अपने परिवार में सबसे बड़ा था और उसके पिता वीरेंद्र यादव टेंपो चलाते हैं। इस घटना के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दादा अर्जुन यादव ने बताया कि धीरज बोलने में असमर्थ था, लेकिन वह हमेशा खुश रहता था। घटना के बाद से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। धीरज की मौत ने पूरे मोहल्ले को भी सदमे में डाल दिया है।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही उलीडीह थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद इसे एक दुर्घटना करार दिया है।

क्या है सुरक्षा की सीख?

यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि बच्चों की सुरक्षा के प्रति कितनी सतर्कता बरतनी चाहिए। चहारदीवारियां और ऊंची जगहें बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती हैं। धीरज की मौत ने यह संदेश दिया कि बच्चों को खेलने के दौरान सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराना और उनकी निगरानी करना बेहद जरूरी है।

ऐसी घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं?

भारत में बच्चों की दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें हर साल हजारों की संख्या में दर्ज की जाती हैं। घरों के आसपास की असुरक्षित संरचनाएं, जैसे कि चहारदीवारियां, खुले गड्ढे, और निर्माण स्थल, बच्चों के लिए बड़ा खतरा साबित होती हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि ऐसी घटनाओं की संख्या में कमी लाने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है।

इतिहास में ऐसे हादसे

भारत में इस तरह की घटनाएं नई नहीं हैं। हर साल खेलते समय बच्चों के दुर्घटनाओं का शिकार होने की खबरें सामने आती हैं। खासतौर पर गांव और कस्बों में जहां खुले खेल के मैदान नहीं होते, बच्चे घरों के आसपास खेलते हैं, और यह जगहें अक्सर सुरक्षित नहीं होतीं।

समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी

यह हादसा सिर्फ एक परिवार का व्यक्तिगत शोक नहीं है, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए भी एक संदेश है। बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रशासन को स्थानीय स्तर पर खेल के सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराने चाहिए। वहीं, अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे सुरक्षित माहौल में खेलें।

धीरज की यादें

धीरज अपने परिवार के लिए न सिर्फ सबसे बड़ा सहारा था, बल्कि मोहल्ले के बच्चों के बीच भी बेहद लोकप्रिय था। उसकी मुस्कान और मासूमियत हर किसी को याद रहेगी। उसकी मौत ने यह सिखाया है कि थोड़ी सी सावधानी बड़े हादसों को टाल सकती है।

धीरज की मौत ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। यह घटना हर अभिभावक के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई भी चूक बड़े हादसे का कारण बन सकती है। प्रशासन और समाज को मिलकर बच्चों के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।