Indian Water Works Association : आइवा कॉन्क्लेव 2025 में उपमुख्यमंत्री ने की जल संकट पर बड़ी बात!

क्या जल संरक्षण की दिशा में मिल गया समाधान? रायपुर में आयोजित आइवा के 57वें कॉन्क्लेव में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने की बड़ी घोषणा, देखिए जल संकट से निपटने की नई तकनीक और विशेषज्ञों की राय।

Jan 11, 2025 - 22:23
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Indian Water Works Association : आइवा कॉन्क्लेव 2025 में उपमुख्यमंत्री ने की जल संकट पर बड़ी बात!
Indian Water Works Association : आइवा कॉन्क्लेव 2025 में उपमुख्यमंत्री ने की जल संकट पर बड़ी बात!

रायपुर, 11 जनवरी, 2025। जल संकट की बढ़ती समस्या और उसके समाधान के प्रयासों के बीच, रायपुर में इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन (AIWWA) का 57वां राष्ट्रीय सम्मेलन चर्चा का केंद्र बना हुआ है। तीन दिवसीय इस सम्मेलन में देशभर के जल विशेषज्ञ, सरकारी अधिकारी, और तकनीकी संस्थान जल संरक्षण और वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट के उन्नत तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं।

इस आयोजन के दूसरे दिन, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और पीएचई मंत्री श्री अरुण साव ने विशेष उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने 150 से अधिक तकनीकी स्टालों का अवलोकन किया और जल संरक्षण में सहायक नई तकनीकों का निरीक्षण किया। श्री साव ने इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा,
"यह सम्मेलन जल संकट के समाधान में मील का पत्थर साबित होगा। जल संरक्षण और वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट में उपयोगी नवीन तकनीकों की प्रदर्शनी इसे और सार्थक बनाती है।"

इतिहास और आइवा का योगदान

इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन (AIWWA) की स्थापना 1968 में हुई थी। यह संगठन जल संरक्षण, प्रबंधन और उपयोग के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। हर साल इसका वार्षिक सम्मेलन जल संकट के नए समाधानों पर चर्चा और जागरूकता के लिए आयोजित किया जाता है।

इस साल रायपुर में आयोजित 57वें राष्ट्रीय सम्मेलन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इसमें डॉक्टर एमएल अग्रवाल को आइवा का अध्यक्ष चुना गया है। यह छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। पीएचई मंत्री ने डॉक्टर अग्रवाल को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा,
"उनकी नेतृत्व क्षमता जल प्रबंधन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।"

दूसरे दिन की मुख्य बातें

दूसरे दिन के पहले सत्र में देश के जल विशेषज्ञों ने जल संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर प्रेजेंटेशन दिए। इसके अलावा, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट की नई तकनीकों को प्रदर्शित किया गया। आधुनिक मशीनरी और नवाचार, जैसे ऊर्जा-कुशल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और जल प्रबंधन की डिजिटल तकनीकों ने सभी का ध्यान खींचा।

श्री साव ने कहा कि यह सम्मेलन न केवल राज्य बल्कि देश के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन से निकलने वाली सिफारिशें आने वाले दिनों में जल संकट का समाधान ढूंढने में मददगार साबित होंगी।

आगामी समापन समारोह

आइवा का यह राष्ट्रीय सम्मेलन 12 जनवरी को समाप्त होगा। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. रमन सिंह, छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष, उपस्थित रहेंगे। इस सत्र की अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री श्री टंक राम वर्मा करेंगे।

डॉ. सिंह के भाषण के साथ, इस सम्मेलन का समापन होगा, जिसमें जल संरक्षण के नए तरीकों और आगे की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस सम्मेलन से निकले निष्कर्ष नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

जल संरक्षण का संदेश

जल संकट आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। ग्लोबल वार्मिंग, अनियंत्रित शहरीकरण और जल के दुरुपयोग ने इसे और गंभीर बना दिया है। ऐसे में आइवा जैसे संगठन और उनके द्वारा आयोजित सम्मेलन न केवल जागरूकता बढ़ाने में मददगार होते हैं बल्कि नीति-निर्माण में भी योगदान देते हैं।

श्री अरुण साव ने कहा कि जल संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों तक सीमित नहीं रह सकता। इसे जन आंदोलन बनाना होगा, जहां हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे जल संरक्षण में भागीदार बनें और अपने आसपास जागरूकता फैलाएं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।