Ramlala Pran Pratishtha Anniversary : रामलला प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ पर 11,000 दीपों से सजी साकची की शाम!
रामलला प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर जमशेदपुर के साकची मंदिर में हुआ भव्य आयोजन। 11,000 दीपों की रोशनी और 101 किलो लड्डू के भोग के साथ भक्तों ने मनाया अद्भुत उत्सव।
जमशेदपुर, 11 जनवरी 2025। अयोध्या में भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति की लहर देखी गई। इस पावन अवसर पर जमशेदपुर के साकची स्थित श्रीराम पथ हनुमान मंदिर में सनातन उत्सव समिति द्वारा भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हजारों भक्तों ने भाग लिया और भगवान राम के चरणों में दीप जलाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
11,000 दीपों से आलोकित हुआ मंदिर परिसर
शाम 5 बजे शुरू हुए इस आयोजन में मंदिर परिसर को 11,000 दीपों की रोशनी से सजाया गया। भक्तों के चेहरे पर उत्साह और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। भगवान श्रीराम को 101 किलो लड्डू का भोग अर्पित किया गया, जिसे प्रसाद के रूप में सभी श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।
इस आयोजन के बाद रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने पूरे माहौल को राममय बना दिया। भव्य डीजे की धुनों पर भक्तों ने झूमकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।
नगर में छाया भगवा रंग
आयोजन के दौरान साकची क्षेत्र को भगवा ध्वज और पताकाओं से सजाया गया, जिसने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। सनातन उत्सव समिति के अध्यक्ष चिंटू सिंह और वीर सिंह ने बताया कि यह आयोजन रामभक्तों के लिए अद्वितीय अनुभव लेकर आया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रविंद्र जी, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार, सांसद प्रतिनिधि संजीव कुमार, हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष बलबीर मंडल, और भाजयुमो अध्यक्ष नीतीश कुशवाहा समेत कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया।
समिति का अद्भुत प्रयास
इस आयोजन को सफल बनाने में सनातन उत्सव समिति के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। चिंटू सिंह, वीर सिंह, सन्नी सिंह, ललित राव, कुलदीप सिंह, अंकित आनंद, हर्ष अग्रवाल, मीरा सिंह, मुस्कान गोराई, श्रद्धा सिंह, और अन्य सदस्यों ने इस कार्यक्रम को स्मरणीय बना दिया।
भक्ति और उल्लास का संगम
रामभक्तों के लिए यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का उत्सव बन गया। भक्तों ने दीप जलाकर और भगवान श्रीराम के प्रति अपनी आस्था प्रकट कर इसे यादगार बना दिया।
यह आयोजन अयोध्या से प्रेरित होकर जमशेदपुर में राममय माहौल बनाने का अद्भुत प्रयास था। भक्तों के उत्साह और आयोजन की भव्यता ने इसे एक ऐतिहासिक घटना बना दिया।
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