India Budget Reaction: CII का बड़ा बयान! 2025 बजट से भारत बनेगा आर्थिक महाशक्ति?
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष एसके बेहरा ने केंद्रीय बजट 2025 को ऐतिहासिक बताया। जानें, कैसे यह बजट मध्यम वर्ग, किसानों, गिग इकॉनमी और पर्यटन उद्योग के लिए गेम चेंजर साबित होगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने केंद्रीय बजट 2025 पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसे संगठन के पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष और आरएसबी ग्रुप के एमडी एसके बेहरा ने ‘परिवर्तनकारी और समावेशी’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह बजट समाज के हर वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करता है और भारत के आर्थिक विकास की मजबूत नींव रखता है।
मध्यम वर्ग को मिली ऐतिहासिक राहत – 12 लाख तक टैक्स फ्री!
इस बार का बजट मध्यम वर्ग के लिए वरदान बनकर आया है। सरकार ने ऐलान किया कि 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जो मध्यम वर्ग की डिस्पोजेबल आय को बढ़ाएगा और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा।
इतिहास में देखें तो 1997 और 2020 के कर सुधारों के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा टैक्स ब्रेक है, जिससे बचत, निवेश और उपभोग में बढ़ोतरी होगी। बेहरा ने कहा कि यह निर्णय न केवल मध्यम वर्ग को राहत देगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरेगा।
गिग इकॉनमी को मिलेगा औपचारिक दर्जा – वर्कर्स को पहचान पत्र
गिग इकॉनमी, यानी फ्रीलांस और अनुबंधित कर्मचारियों के लिए बजट में खास पहल की गई है। सरकार गिग वर्कर्स को पहचान पत्र और पंजीकरण की सुविधा देने जा रही है, जिससे उन्हें सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता मिलेगी।
अगर इतिहास पर नजर डालें तो अमेरिका और यूरोप के कई देशों में गिग वर्कर्स को सुरक्षा देने के बाद फ्रीलांस सेक्टर में तेजी आई थी। भारत में भी यह कदम लाखों युवाओं के लिए रोजगार और सुरक्षा का बड़ा अवसर लाएगा।
कृषि क्षेत्र को नई दिशा – ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ से 1.7 करोड़ किसानों को राहत
भारत के कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ की शुरुआत की घोषणा की है। इस योजना के तहत 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा, जिससे वे अधिक उत्पादन कर सकेंगे और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
अगर इतिहास देखें तो 1960 के दशक में हरित क्रांति के बाद कृषि क्षेत्र में इतना बड़ा सुधार पहली बार देखा जा रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार भी बढ़ेगा और पलायन की समस्या पर भी अंकुश लगेगा।
टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा – भारत बनेगा ग्लोबल हेल्थकेयर हब?
सरकार ने बजट में 50 शीर्ष पर्यटन स्थलों के विकास और ‘हील-इन-इंडिया’ पहल के जरिए मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इससे भारत को एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
बेहरा ने कहा कि यह पहल न केवल पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगी, बल्कि विदेशी मुद्रा भंडार को भी मजबूत करेगी। 1950 के दशक में यूरोप में पर्यटन और हेल्थकेयर सेक्टर में किए गए सुधारों के बाद वहां की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त फायदा हुआ था। भारत में भी यह कदम ऐसे ही सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
उद्योग और स्टार्टअप को मिलेगा बूस्ट – आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता कदम
सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को और गति देने की योजना बनाई है। बेहरा ने कहा कि भारत को खिलौना निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने की सरकार की योजना गेम चेंजर साबित हो सकती है।
इतिहास देखें तो 2000 के दशक में चीन ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान देकर वैश्विक बाजार में अपनी जगह बनाई। अब भारत भी इसी राह पर चलते हुए वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
36 जीवनरक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी खत्म – हेल्थकेयर होगा सस्ता
सरकार ने 36 जीवनरक्षक दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) हटा दी है। इससे इन दवाओं की कीमतों में कमी आएगी और आम नागरिकों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
बेहरा ने कहा कि यह कदम सरकार की ‘सबके लिए सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवा’ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 2018 में शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना की ही तरह, यह फैसला भी लाखों भारतीयों के लिए जीवनरक्षक साबित होगा।
क्या यह बजट भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगा?
CII के पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष एसके बेहरा ने कहा कि यह बजट भारत के लचीलेपन और महत्वाकांक्षा का प्रतीक है। उन्होंने उद्योग जगत से आह्वान किया कि वे सरकार के साथ मिलकर काम करें, ताकि इस बजट के लाभ हर नागरिक तक पहुंच सकें।
उन्होंने कहा कि यह बजट केवल आज की जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि भारत के भविष्य को मजबूत करने के लिए भी बनाया गया है। अगर इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो आने वाले वर्षों में भारत एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरेगा और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इन योजनाओं को कितनी तेजी और प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है। अगर क्रियान्वयन सही रहा, तो भारत वैश्विक मंच पर अपनी आर्थिक ताकत साबित करेगा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाएगा।
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