गोरखपुर Police Flag Day पर हुआ ध्वजारोहण, जानें क्यों है 23 नवंबर खास
गोरखपुर में पुलिस झंडा दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया गया। जानिए क्यों है 23 नवंबर यूपी पुलिस के लिए ऐतिहासिक दिन
गोरखपुर। पुलिस झंडा दिवस पर गोरखपुर में विशेष आयोजन हुआ। पुलिस अधीक्षक नगर (एसएसपी) अभिनव त्यागी ने पुलिस लाइन क्वार्टर गार्ड पर ध्वजारोहण किया और पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के संदेश को पढ़कर सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सुनाया। इस अवसर पर यूपी पुलिस के गौरवशाली इतिहास और पुलिस झंडा दिवस की अहमियत पर चर्चा की गई।
क्यों खास है 23 नवंबर का दिन?
एसएसपी अभिनव त्यागी ने बताया कि 23 नवंबर 1952 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश पुलिस को पुलिस झंडा प्रदान किया था। यह झंडा यूपी पुलिस के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन और योगदान के सम्मान में दिया गया था। खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसे यह सम्मान प्राप्त हुआ। इसीलिए हर वर्ष 23 नवंबर को पुलिस झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
पुलिस झंडा दिवस की परंपरा
इस दिन पुलिस मुख्यालय और कार्यालयों में पुलिस ध्वज फहराया जाता है। सभी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अपनी वर्दी की बाईं जेब के ऊपर पुलिस ध्वज का प्रतीक (स्टीकर) लगाते हैं। यह प्रतीक पुलिस बल की एकता, अनुशासन और गौरव का प्रतीक है।
विशेष आयोजन
गोरखपुर पुलिस लाइन में ध्वजारोहण के दौरान सीओ कैंट योगेंद्र सिंह, सीओ कोतवाली ओंकार दत्त तिवारी, आरआई हरिशंकर सिंह समेत कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। इस मौके पर पुलिस झंडा दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अधिकारियों ने पुलिस के अनुशासन और देश सेवा के प्रति समर्पण की सराहना की।
इतिहास की झलक
1952 में यह झंडा प्रदान किए जाने के पीछे उद्देश्य था पुलिस बल की उपलब्धियों को पहचान देना और उनके साहसिक कार्यों को सम्मानित करना। तब से, उत्तर प्रदेश पुलिस ने हर साल इस दिन को गर्व और आत्मसम्मान के साथ मनाने की परंपरा बनाई है।
आधुनिक संदर्भ में झंडा दिवस
पुलिस झंडा दिवस न केवल इतिहास का स्मरण करता है, बल्कि यह पुलिसकर्मियों को उनके कर्तव्यों की याद दिलाता है। यह दिन पुलिस बल की प्रतिष्ठा को बढ़ावा देने और आम जनता में उनके योगदान को स्वीकारने का एक माध्यम भी है।
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