Shri Bhagwat Katha: भव्य श्रीमद्भागवत कथा की शुरूआत, जानें कैसे मनमोहक दृश्य ने सबको मंत्रमुग्ध किया!

गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई और श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत हुई। जानें कैसे इस धार्मिक आयोजन ने क्षेत्र में एक नया जोश भर दिया और श्रीमद्भागवत के महत्त्व को बताया गया।

Jan 2, 2025 - 17:12
Jan 2, 2025 - 17:14
 0
Shri Bhagwat Katha: भव्य श्रीमद्भागवत कथा की शुरूआत, जानें कैसे मनमोहक दृश्य ने सबको मंत्रमुग्ध किया!
Shri Bhagwat Katha: भव्य श्रीमद्भागवत कथा की शुरूआत, जानें कैसे मनमोहक दृश्य ने सबको मंत्रमुग्ध किया!

गाजे-बाजे के साथ एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसने पूरे क्षेत्र में धार्मिक उल्लास और ऊर्जा का संचार किया। इस यात्रा की शुरुआत महालक्ष्मी मंदिर से हुई, जहां श्रीमद्भागवत पुस्तिका का पूजन किया गया। इसके बाद पुरुष यजमानों ने माथे पर पोथी धारण की और महिलाओं ने कलश उठाकर श्रद्धा और भक्ति के साथ यात्रा में शामिल हुईं। यात्रा का मार्ग धालभूम क्लब ग्राउंड तक था, जहां कथा का आयोजन किया गया। इस शोभायात्रा में पंडितों ने ध्वज थामे हुए थे, जबकि कथा वाचक बाँकेबिहारी जी गोस्वामी रथ पर विराजमान थे, जो दर्शकों को श्रीमद्भागवत कथा के संदेश से अवगत कराने के लिए तैयार थे।

मथुरा वृंदावन से पधारे 108 पंडितों ने शुरू किया भागवत का पाठ

धालभूम ग्राउंड में पहुंचकर यजमानों ने मथुरा वृंदावन से पधारे 108 पंडितों का वरण किया। इस अवसर पर पंडितों ने श्रीमद्भागवत का मूल पाठ आरंभ किया, जिससे आयोजन की पवित्रता और भी बढ़ गई। इस पूजा-अर्चना से धार्मिक वातावरण में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और श्रद्धालुओं ने इसे आत्मिक शांति और दिव्य आशीर्वाद के रूप में लिया।

श्रीमद भागवत कथा का पहला दिन

पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन के तत्वाधान में आयोजित इस कथा सप्ताह का पहला दिन एक अद्भुत अनुभव था। आचार्य बांके बिहारी गोस्वामी जी ने कथा की शुरुआत की और शुकदेव जी के चरित्र और भागवत जी की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि श्रीमद भागवत जी हर व्यक्ति के जीवन में अनुकरणीय है और इससे ईश्वर के साथ जुड़ने का मार्ग प्रशस्त होता है। गोस्वामी जी ने यह भी बताया कि भागवत कथा श्रवण से मनुष्य के पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। देवर्षि नारद के माध्यम से गंगाजी के तट पर श्रीमद भागवत कथा के आयोजन की घटना का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि कथा के श्रवण से जीवन में ज्ञान और वैराग्य का संचार होता है।

कथा स्थल की अनुपम सजावट

धार्मिक आयोजन की व्यवस्था को देखते हुए पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन ने बहुत ही अनुपम सजावट की थी। यत्रा मार्ग से लेकर व्यास पीठ, पूजन वेदी, और गौ पूजन हेतु निर्मित गौशाला तक सभी स्थानों पर व्यवस्थित और आकर्षक सजावट की गई थी। यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि संगठित रूप से सभी व्यवस्थाएं चल रही थीं, जो इस आयोजन की सफलता का प्रतीक बनी।

उपस्थित प्रमुख व्यक्ति

इस ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन में प्रमुख रूप से संतोष खेतान, बालमुकुंद गोयल, महाबीर प्रसाद अग्रवाल, रमेश अग्रवाल, विजय मित्तल, अशोक चौधरी, दीपक भालोटिया, जीवन नरेड़ी, संजय पलसानिया, संतोष अग्रवाल, ओमप्रकाश रिंगसिया, विजय आनंद मूनका, कमल किशोर अग्रवाल, और सांवर लाल शर्मा सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे। इन सभी ने कथा का आनंद लिया और इस धार्मिक उत्सव की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यकर्ताओं की सक्रियता

इस सफल आयोजन में अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, मंटु अग्रवाल, अजय भालोटिया, लिप्पू शर्मा, सुरेश कवंटिया, उमेश खीरवाल, सन्नी संघी, बजरंगलाल अग्रवाल, निर्मल पटवारी, अंजू चेतानी, कविता अग्रवाल, ऊषा चौधरी और अन्य कार्यकर्ताओं ने अपने समर्पण और मेहनत से कथा के आयोजन को सुचारू रूप से चलाने में सहायता की।

इस धार्मिक आयोजन ने न केवल धार्मिक भावना को बल दिया, बल्कि एकजुटता और समाज सेवा की भावना को भी प्रकट किया। इस कथा के माध्यम से उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने श्रीमद्भागवत कथा की महिमा को समझा और जीवन में उसके संदेश को अपनाने का संकल्प लिया।

आगे क्या?

आने वाले दिनों में इस कथा का रुपांतर और भी अधिक लोगों तक पहुंचने की संभावना है। जो लोग इस आयोजन में शामिल नहीं हो सके, वे अगले दिन की कथा में भाग लेकर धार्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। श्रीमद भागवत के महत्व को समझते हुए, यह आयोजन भविष्य में भी समाज को एकजुट करने और धार्मिक जागरूकता फैलाने के लिए अहम रहेगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।