Gamharia Event: भागवत गीता पाठ की शुरुआत, कलश यात्रा ने किया धमाल!
गम्हरिया में चैतन्य मंदिर में शुरू हुआ भागवत गीता पाठ। जानिए इस भव्य आयोजन की विशेषताएं, जिसमें कलश यात्रा ने धार्मिक वातावरण को और भी संगीतमय बना दिया।
गम्हरिया: झारखंड के गम्हरिया में आजकल धार्मिक गतिविधियों का खास महत्व बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में, बड़ा गम्हरिया के ऊपरपाड़ा स्थित चैतन्य मंदिर में एक भव्य भागवत गीता पाठ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस आयोजन में न केवल स्थानीय लोग बल्कि दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने भी हिस्सा लिया।
कलश यात्रा ने बांधा ध्यान
भागवत कथा ज्ञान के इस कार्यक्रम की शुरुआत एक शानदार कलश यात्रा से हुई। प्रातः काल के समय जब सूरज की किरणें मंदिर परिसर पर पड़ रही थीं, तब करीब एक सौ से अधिक महिलाओं ने शिव बांध तालाब से जल भरे कलशों के साथ यात्रा शुरू की। इन महिलाओं ने बाजे-गाजे के साथ लक्खी मन्दिर परिसर तक यात्रा की। इस दौरान मंदिर परिसर में एक श्रद्धापूर्वक माहौल बना और श्रद्धालु मंत्रोच्चारण कर इस धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत का स्वागत कर रहे थे।
कलश स्थापना और विधि-विधान
कलश यात्रा के बाद श्रद्धालुओं ने विधिपूर्वक पूजा अर्चना की और फिर एक उत्सव जैसा माहौल बन गया। महिलाओं ने कलश को पवित्र स्थल पर स्थापित किया और संकल्प लिया कि वे इस धार्मिक कार्य में आस्था और श्रद्धा से भाग लेंगी। इसके बाद, मंदिर में पूजा का आयोजन हुआ और कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई।
कथावाचक निरुपमा गोस्वामी का प्रवचन
इस आयोजन में एक विशेष आकर्षण कथावाचक के रूप में बांग्लादेश की निरुपमा गोस्वामी का प्रवचन था। निरुपमा गोस्वामी ने भागवत गीता के ज्ञान के साथ-साथ भगवद्भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके प्रवचन में सुनने के लिए लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए, और उनके शब्दों ने सभी को भावविभोर कर दिया।
मन्दिर समिति का योगदान
चैतन्य मंदिर कमेटी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम को योजनाबद्ध तरीके से आयोजित करने में मन्दिर समिति के प्रमुख सदस्य जैसे बादल दास, बलाई बेज, और निताई पॉल की मेहनत और नेतृत्व का बड़ा योगदान रहा। इसके अलावा, बस्ती के सभी भक्तों ने भी सक्रिय रूप से कार्यक्रम में भाग लिया और इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोग किया।
धार्मिक आयोजनों का महत्व
धार्मिक आयोजनों का समाज में एक गहरा असर होता है। इस तरह के आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को प्रगाढ़ करते हैं, बल्कि सामूहिकता और एकता का भी प्रतीक होते हैं। भागवत गीता पाठ का आयोजन विशेष रूप से जीवन के सत्य, प्रेम और भक्ति के महत्व को समझने का अवसर प्रदान करता है।
आध्यात्मिक जागरण का मार्ग
इस आयोजन के माध्यम से ना केवल गम्हरिया बल्कि आसपास के क्षेत्र में भी आध्यात्मिक जागरण का संदेश पहुंचा। श्रद्धालु अब अधिक से अधिक धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेकर अपने जीवन को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
बड़ा गम्हरिया के चैतन्य मंदिर में भागवत गीता पाठ की शुरुआत ने एक नई धार्मिक ऊर्जा का संचार किया है। इस आयोजन ने स्थानीय समुदाय को एकजुट किया और सभी को जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि एक सामाजिक सशक्तिकरण का भी प्रतीक बना।
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