सरयू राय का मंत्री बन्ना गुप्ता पर पलटवार, सिलसिलेवार लगाए आरोप

जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर लगाए गए आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया। राय ने न्यायिक जांच की मांग की और कई मुद्दों पर गंभीर आरोप लगाए।

Oct 8, 2024 - 16:28
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सरयू राय का मंत्री बन्ना गुप्ता पर पलटवार, सिलसिलेवार लगाए आरोप
सरयू राय का मंत्री बन्ना गुप्ता पर पलटवार, सिलसिलेवार लगाए आरोप

जमशेदपुर, 8 अक्टूबर 2024: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा लगाए गए आरोपों का कड़ा जवाब दिया है। प्रेस को जारी किए गए अपने बयान में सरयू राय ने सिलसिलेवार तरीके से आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मंत्री बन्ना गुप्ता को उनके द्वारा किए गए कार्य न तो पसंद आएंगे और न ही वे उन्हें समझ सकेंगे। राय ने कहा कि हाल ही में सोशल मीडिया पर एक एफआईआर वायरल हुआ, जिसमें बन्ना गुप्ता के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, मंत्री इसे फर्जी बता रहे हैं। रांची के पुलिस अधीक्षक ने भी जांच की बात कही है, लेकिन राय ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है।

एफआईआर और पुराने मामलों पर राय की मांग

विधायक सरयू राय ने कहा कि बन्ना गुप्ता के एक समर्थक ने जमशेदपुर में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है, जिसमें उन्हें भी घसीटने की कोशिश की जा रही है। राय ने साफ किया कि उन्होंने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है, क्योंकि पुलिस इस मामले में एक पक्षकार बनती जा रही है। उन्होंने अप्रैल 2023 की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि तब भी एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बन्ना गुप्ता एक महिला के साथ आपत्तिजनक बातचीत कर रहे थे। उस मामले में भी आज तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

पिछड़े वर्ग पर राजनीति का आरोप

राय ने बन्ना गुप्ता पर आरोप लगाया कि वह खुद को बैकवर्ड वर्ग का बताकर सहानुभूति बटोरना चाहते हैं। राय ने कहा कि जमशेदपुर में फुटपाथ दुकानदारों के आशियानों को तोड़वाने में गुप्ता ने अहम भूमिका निभाई, और इनमें से ज्यादातर दुकानदार पिछड़े वर्ग से आते थे। राय ने यह भी आरोप लगाया कि कोविड के समय गुप्ता ने सेव-लाइफ अस्पताल को बंद करवाया, जिसके प्रमुख डॉ. ओपी आनंद यादव जाति से हैं। यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और अंततः डॉ. आनंद के पक्ष में फैसला आया, जिससे सरकार की किरकिरी हुई।

स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल

राय ने गुप्ता पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल का प्रबंधन अपने हाथ में लेकर उसे नियंत्रित कर रखा है। इसके अलावा, राय ने कहा कि एमजीएम अस्पताल के नए भवन में ओपीडी का उद्घाटन तब करा दिया गया जब वहां पानी तक की व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने इस मामले में भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से स्वीकृति न मिलने की बात कही और इसे जनता के साथ मजाक करार दिया।

अन्य घोटालों का जिक्र

राय ने बन्ना गुप्ता पर दवाओं की खरीद में गड़बड़ी, कोविड प्रोत्साहन राशि में हेरफेर, 108 एंबुलेंस की खरीद में घोटाला, और आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्तियों में अनियमितताओं का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गुप्ता के खिलाफ कई मामले लंबित हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है। राय ने यह भी आरोप लगाया कि गुप्ता ने जमशेदपुर के कई निजी अस्पतालों पर दबाव बनाकर उन्हें बंद करने का काम किया, जिससे सैकड़ों कर्मचारी बेरोजगार हो गए, जिनमें से अधिकांश पिछड़े वर्ग से थे।

स्वर्णरेखा नदी और उद्योगों पर बयान

स्वर्णरेखा नदी से संबंधित मुद्दों पर राय ने कहा कि वे कई वर्षों से नदी के पानी की जांच करवा रहे हैं और उन्होंने इसके संबंध में कई रिपोर्ट राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी हैं। उन्होंने गुप्ता पर राजनीति को रोजगार का जरिया बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री वैध-अवैध तरीकों से संपत्ति इकट्ठा कर रहे हैं।

राय की मांग

सरयू राय ने अंत में इस पूरे मामले में न्यायिक जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि बन्ना गुप्ता जैसे लोग राजनीति को केवल व्यक्तिगत लाभ का साधन बनाकर जनता के हितों की अनदेखी कर रहे हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।