Galudih Market: मकर पर्व की तैयारी में उमड़ी हजारों लोगों की भीड़, खरीदारी का माहौल

गालूडीह में मकर पर्व की तैयारी के दौरान सोमवार हाट में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। जानिए इस खास बाजार में लोग क्या-क्या खरीदारी कर रहे थे और क्यों मकर पर्व पर लाल साड़ी का है इतना महत्व।

Jan 6, 2025 - 18:06
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Galudih Market: मकर पर्व की तैयारी में उमड़ी हजारों लोगों की भीड़, खरीदारी का माहौल
Galudih Market: मकर पर्व की तैयारी में उमड़ी हजारों लोगों की भीड़, खरीदारी का माहौल

गालूडीह क्षेत्र में मकर पर्व की धूम मच चुकी है। सोमवार को आयोजित होने वाले पारंपरिक हाट (बाजार) में हजारों लोग जुटे और मकर संक्रांति की तैयारी में जमकर खरीदारी की। गालूडीह की यह बाजार खासतौर पर मकर पर्व के लिए प्रचलित है, जिसमें हर साल हजारों की संख्या में लोग विभिन्न सामानों की खरीदारी करने आते हैं।

मकर पर्व और उसकी ऐतिहासिक महिमा

मकर संक्रांति भारतीय कैलेंडर का एक प्रमुख पर्व है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के समय मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति का ऐतिहासिक महत्व भी बहुत गहरा है, क्योंकि इस दिन से दिन लंबा होना शुरू होता है और सूर्य की किरणें पृथ्वी पर अधिक प्रभावी होती हैं। यह पर्व खेतों में काम करने वालों के लिए एक नए सिरे से शुरुआत का प्रतीक है।

गालूडीह हाट का आकर्षण

गालूडीह का सोमवार हाट मकर पर्व के दिनों में और भी खास हो जाता है। यहां आने वाले लोग न केवल मकर पर्व की तैयारी करते हैं, बल्कि इस बाजार की धूमधाम भी देखते हैं। लोग यहां मिट्टी की हंडी, तेलाई, नाद, तिलकुट, गुड़, मसाला और कपड़े खरीदने के लिए जुटते हैं। इन सामानों की खरीदारी मकर पर्व के लिए खास महत्व रखती है।

मकर में खासकर तिलकुट और गुड़ खाना परंपरा का हिस्सा है। लोग इस दिन तिल और गुड़ से बनी मिठाइयों का सेवन करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं। इसके अलावा, मकर संक्रांति के दिन उबटन, स्नान और तिल दान करने की परंपरा है, जो इस पर्व को धार्मिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बना देती है।

लाल साड़ी की अहमियत

गालूडीह के हाट में एक और खास चीज जो हर साल खरीदारी के लिए देखने को मिलती है, वह है लाल साड़ी। मकर संक्रांति के दिन महिलाएं विशेष रूप से लाल साड़ी पहनने का महत्व मानती हैं। माना जाता है कि लाल रंग शुभ होता है और यह सूर्य देवता की पूजा में सहायक होता है। इस दिन महिलाएं पारंपरिक रूप से घर के आंगन में पकवान पकाती हैं और परिवार के साथ तिल और गुड़ के साथ उत्सव मनाती हैं।

शॉपिंग का माहौल और लोक संस्कृति

गालूडीह का यह हाट न केवल एक बाजार है, बल्कि यहां की लोक संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है। इस बाजार में विभिन्न तरह के मसाले, कपड़े, मिट्टी के बर्तन और अन्य सामान मिलते हैं, जो गांव की संस्कृति को दर्शाते हैं। हाट में लोग आपस में मिलते हैं, चर्चा करते हैं और त्योहार की खुशियों का आदान-प्रदान करते हैं। इस बाजार में हर कोई अपनी खरीदारी करने के साथ-साथ इस त्योहार की जोश और उल्लास को महसूस करता है।

मकर पर्व के खास प्रसंग और परिवार की एकता

मकर संक्रांति पर परिवारों का एक साथ आना भी महत्वपूर्ण होता है। यह अवसर परिवार के सभी सदस्य एकत्र होते हैं, एक-दूसरे से मिलते हैं और खुशी का माहौल बनता है। गालूडीह के हाट में भी यह दृश्य देखने को मिलता है, जहां लोग न केवल खरीदारी करते हैं, बल्कि परंपराओं के अनुसार एक दूसरे को तिलकुट और गुड़ भी बांटते हैं। यह पर्व परिवार और समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक बनकर उभरता है।

गालूडीह का सोमवार हाट न केवल बाजार के रूप में, बल्कि मकर संक्रांति की तैयारियों के केंद्र के रूप में उभरता है। यहां की खरीदारी, परंपराएं और सांस्कृतिक उत्सव इसे हर साल एक अनोखा और यादगार अनुभव बनाते हैं। इस हाट में आने वाले लोग ना केवल अपने घरों की जरूरतों को पूरा करते हैं, बल्कि मकर संक्रांति के दौरान अपने परिवार और समाज के साथ खुशी के पल भी बिताते हैं।

मकर पर्व की महत्वता और गालूडीह हाट की धूमधाम इस क्षेत्र की संस्कृति को और भी जीवंत बनाते हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।