Ranchi Arrest: ईडी की बड़ी कार्रवाई, PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप गिरफ्तार
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप को गिरफ्तार किया। जानिए कौन है दिनेश गोप और कैसे जेल से भी चलाता था संगठन।

झारखंड की राजनीति और अपराध जगत में हलचल मचाने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कुख्यात उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के सुप्रीमो दिनेश गोप को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है।
दिनेश गोप इस वक्त पहले से ही जेल में बंद है, लेकिन ईडी ने उसे स्पेशल कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
कौन है दिनेश गोप?
दिनेश गोप का नाम झारखंड के उग्रवाद के नक्शे पर नया नहीं है। वह PLFI का सरगना है और करीब एक दशक तक उसका खौफ रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा और चाईबासा के कई हिस्सों में फैला रहा।
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यह संगठन कथित तौर पर लेवी वसूली करता था।
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लेवी वसूलने के लिए हत्या और हिंसक घटनाओं को अंजाम देता था।
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सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो दिनेश गोप जेल के भीतर से भी संगठन को संचालित करता है।
ED की कार्रवाई क्यों?
ईडी का आरोप है कि उग्रवादी गतिविधियों से हासिल की गई लेवी और जबरन वसूली की रकम को वैध दिखाने के लिए हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग का खेल खेला गया।
जांच एजेंसी ने गोप के कई संपत्तियों और मनी ट्रेल पर पकड़ बनाई, जिसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई हुई।
PLFI का इतिहास और गिरता वर्चस्व
PLFI का गठन लगभग 15 साल पहले हुआ था। यह संगठन माओवादी विचारधारा से अलग होकर उभरा था और धीरे-धीरे झारखंड में खौफ और लेवी वसूली के समानांतर तंत्र खड़ा कर लिया।
लेकिन पिछले कुछ सालों में लगातार NIA, CRPF और झारखंड पुलिस की सख्ती के कारण संगठन की ताकत काफी हद तक टूट चुकी है।
फिर भी खुफिया रिपोर्ट बताती हैं कि संगठन अब भी गुप्त रूप से सक्रिय है और जेल में बैठे सरगना की सहमति से फैसले लिए जाते हैं।
अब आगे क्या?
दिनेश गोप के खिलाफ ईडी की यह कार्रवाई उग्रवाद से जुड़े आर्थिक तंत्र पर सबसे बड़ा वार मानी जा रही है। अगर उसके खिलाफ आरोप साबित होते हैं, तो यह न सिर्फ PLFI की कमर तोड़ देगा बल्कि झारखंड में अन्य उग्रवादी संगठनों के लिए भी बड़ा सबक होगा।
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