New Delhi Campaign: पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अभियान बना वरदान

केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों की सुविधा के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अभियान लॉन्च किया। अब तक 77 लाख डीएलसी जारी, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने दिखाया शानदार प्रदर्शन।

Nov 18, 2024 - 14:10
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New Delhi Campaign: पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अभियान बना वरदान
New Delhi Campaign: पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अभियान बना वरदान

नई दिल्ली: पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में होने वाली दिक्कतों को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) अभियान 3.0 शुरू किया है। इस अभियान के तहत 77 लाख से अधिक डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं। सरकार का यह कदम पेंशनभोगियों के जीवन को सरल और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

कैसे काम करता है यह अभियान?

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) पेंशनभोगियों को बिना किसी कागजी प्रक्रिया के डिजिटल माध्यम से अपने जीवन का प्रमाण प्रस्तुत करने की सुविधा देता है। इसे विशेष रूप से वृद्ध और अस्वस्थ पेंशनभोगियों की मदद के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि उन्हें बैंक या कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें।

सरकार ने इसे 6 नवंबर 2024 को लॉन्च किया था, और यह अभियान पूरे नवंबर तक 800 शहरों और कस्बों में चलाया जाएगा। अभियान के तहत 1,575 शिविरों का आयोजन किया गया है, जहां पेंशनभोगियों को डीएलसी तैयार करने की सुविधा दी गई।

अभियान की मुख्य विशेषताएं

  1. चेहरे की पहचान तकनीक:
    डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसके जरिए 24 लाख डीएलसी बनाए गए हैं, जो कुल प्रमाणपत्रों का 34% है।

  2. बैंकिंग संस्थानों की भागीदारी:
    इस अभियान में एसबीआई, पीएनबी, केनरा बैंक, और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसी प्रमुख बैंकिंग संस्थाएं शामिल हैं।

    • एसबीआई और पीएनबी ने मिलकर 9 लाख डीएलसी जारी किए।
    • केनरा बैंक ने 1 लाख और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 57,000 डीएलसी तैयार किए।
  3. डाकियों की तैनाती:
    अभियान को सफल बनाने के लिए 1.8 लाख डाकियों को देशभर में तैनात किया गया है, जो पेंशनभोगियों के घर जाकर उनकी सहायता कर रहे हैं।

  4. राज्यवार प्रदर्शन:

    • महाराष्ट्र: 10 लाख डीएलसी के साथ सबसे आगे।
    • तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल: प्रत्येक में 6 लाख डीएलसी।
    • उत्तर प्रदेश: 5 लाख से अधिक डीएलसी तैयार।

अभियान का इतिहास और उद्देश्य

भारत में पेंशनभोगियों को हर साल जीवन प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है, ताकि उनकी पेंशन जारी रहे। पहले यह प्रक्रिया मैन्युअल थी, जिसके लिए पेंशनभोगियों को बैंकों या सरकारी कार्यालयों में लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था। खासकर वृद्ध और अस्वस्थ लोगों के लिए यह प्रक्रिया बेहद कठिन थी।

2014 में सरकार ने डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट प्रणाली की शुरुआत की, लेकिन इसे लेकर जागरूकता की कमी थी। अब डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अभियान 3.0 इस समस्या का समाधान करते हुए पेंशनभोगियों के लिए इसे सुविधाजनक और व्यापक बना रहा है।

अभियान की सफलता के पीछे का दृष्टिकोण

सरकार की यह पहल न केवल डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को आगे बढ़ा रही है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों की जिंदगी को भी आसान बना रही है। चेहरों की पहचान (फेस रिकग्निशन) और डाक विभाग की भागीदारी जैसे उपाय इसे सभी तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं।

महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इस अभियान की सफलता इस बात का संकेत है कि पेंशनभोगी डिजिटल तकनीक को अपनाने में उत्सुक हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े?

  • 90 वर्ष से अधिक उम्र के 1,77,153 पेंशनभोगियों को डीएलसी उपलब्ध कराया गया।
  • 80-90 वर्ष के 17,212 पेंशनभोगियों ने भी इस सुविधा का लाभ उठाया।
  • पिछले दो हफ्तों में एसबीआई और पीएनबी ने सबसे अधिक सर्टिफिकेट जारी किए।

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अभियान 3.0 भारत में पेंशनभोगियों के जीवन में एक नई क्रांति ला रहा है। यह पहल न केवल समय और श्रम बचा रही है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकारी सेवाओं तक पहुंच को भी सरल बना रही है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।