Dhanbad News: महिला ने पति और बेटे के साथ मिलकर चलाया देह व्यापार, अदालत ने सुनाई पांच साल की सजा
धनबाद में महिला और उसके परिवार ने मिलकर चलाया देह व्यापार, अदालत ने पांच वर्ष की कठोर सजा सुनाई। जानें पूरी कहानी और इसके समाज पर असर।
धनबाद। झारखंड के धनबाद जिले में एक और विवादास्पद मामला सामने आया है। बाघमारा थाना क्षेत्र में एक महिला को देह व्यापार के मामले में दोषी करार दिया गया है। जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम कुलदीप की अदालत ने 40 वर्षीय महिला खातून को दोषी मानते हुए पांच वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा, महिला पर 9,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला इम्मोरल ट्रैफिक एक्ट के तीन अलग-अलग धाराओं में दायर किया गया था।
क्या था पूरा मामला?
पिछले साल 25 अप्रैल 2021 को कोडरमा जिले की एक 18 वर्षीय पीड़िता ने बाघमारा थाना में मामला दर्ज कराया था। पीड़िता ने बताया कि वह 15 अप्रैल 2021 को अपने चचेरे भाई के साथ धनबाद आई थी। जब वह स्टेशन पर अपने भाई का इंतजार कर रही थी, तो एक महिला ने उसे बातों में फंसाकर अपने साथ ले लिया। पीड़िता का कहना था कि महिला ने उसे एक बोलेरो वाहन में जबरन बैठाया और बाघमारा अपने घर ले आई। वहां महिला ने उसका हाथ-पैर बांध दिया और उसके साथ दुराचार किया। पीड़िता के अनुसार, महिला का पति सोईम अंसारी और अन्य लोग भी उसके साथ शामिल थे।
महिला का घर था ‘चकला’
पुलिस ने जांच में पाया कि महिला प्रतिदिन नए-नए लोगों को बुलाकर उन्हें पैसे लेकर दुराचार करवाती थी। पीड़िता ने बताया कि महिला ने उसे यह भी कहा कि वह उसे कहीं कैटरिंग का काम दिलवा देगी। लेकिन जब वह महिला के साथ धनबाद आई, तो उसे बेचने की कोशिश की गई। हालांकि, सौदा नहीं पटा और उसे फिर से बाघमारा ले आया गया। इस मामले में पुलिस ने 25 अप्रैल 2021 को महिला के घर छापा मारा, लेकिन महिला और अन्य आरोपी भागने में सफल रहे।
सजा का फैसला और भविष्य की उम्मीदें
अदालत ने महिला को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई और मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत नहीं दी। इस मामले के बाद, जिले में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बढ़ती घटनाओं ने कई सवाल खड़े किए हैं। खासकर, ऐसे मामलों में पीड़ितों को न्याय मिलने में कितनी बाधाएं आती हैं, यह सोचने का विषय है।
अन्य मामलों की सुनवाई भी जारी
धनबाद के सांसद ढुलू महतो को लेकर भी कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें वह दो मामलों में हाजिर नहीं हो सके। सांसद की ओर से उनके अधिवक्ता ने प्रतिनिधित्व आवेदन दायर किया, और अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 13 दिसंबर 2024 तय की है। इसके अलावा, कोल लिंकेज घोटाला मामले में चार आरोपियों ने आत्मसमर्पण किया और उन्हें जमानत मिल गई।
समाज और न्याय व्यवस्था पर असर
इस घटना ने झारखंड की न्याय व्यवस्था और समाज के प्रति एक बड़ा सवाल उठाया है। जहां एक ओर अपराधियों को सजा मिल रही है, वहीं दूसरी ओर पीड़ितों को न्याय दिलाने में कई बार जटिलताएं आती हैं। समाज में सुरक्षा और न्याय का तंत्र कितना मजबूत है, यह इस तरह के मामलों से स्पष्ट होता है।
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