Dhanbad Kidnapping Drama: 3 करोड़ की फिरौती, अपहरण ने मचा दी खलबली!
धनबाद के तीन युवकों का मुंबई में हुआ अपहरण, अपहर्ताओं ने मांगी 3 करोड़ की फिरौती। पुलिस हर एंगल से जांच में जुटी, ड्राइवर और मुखिया की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

झारखंड का औद्योगिक शहर धनबाद इन दिनों सिर्फ कोयला या प्रतियोगी परीक्षाओं की खबरों से नहीं, बल्कि एक बेहद चौंकाने वाली आपराधिक घटना से चर्चा में है। जिले के मुनीडीह ओपी क्षेत्र के आमडीह बस्ती से ताल्लुक रखने वाले सरोज कुमार महतो और उनके दो दोस्तों का मुंबई में अपहरण हो गया है, और अपहर्ता सीधे तीन करोड़ रुपये की फिरौती की मांग कर रहे हैं।
यह मामला अब सिर्फ एक आपराधिक केस नहीं बल्कि एक अंतरराज्यीय साजिश का संकेत देता दिख रहा है, जिसमें कई परतें हैं। पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है और एक विशेष टीम को मुंबई भेजा गया है ताकि अपहृत युवकों का सुराग मिल सके।
कैसे हुआ खुलासा?
घटना की पुष्टि सरोज के भाई मनोज कुमार महतो ने की है, जिसने इस बाबत एफआईआर दर्ज करवाई है। प्राथमिकी में बताया गया है कि सरोज 26 अप्रैल को बोकारो के चंदवाडीह गांव स्थित मुखिया चंदन सिंह के घर गया था। वहीं से मुखिया का ड्राइवर सरोज को रांची एयरपोर्ट छोड़ने गया। इसके बाद सरोज फ्लाइट से मुंबई पहुंचा।
फिर 29 अप्रैल को मनोज को अपने भाई का फोन आया। सरोज ने बताया कि उसका और उसके दो दोस्तों का अपहरण कर लिया गया है। वे तीनों इस वक्त किसी अज्ञात स्थान पर बंधक हैं और उन्हें छोड़ने के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग की जा रही है।
इस कॉल के बाद से ही परिवार में हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना दी गई और तकनीकी सेल को सक्रिय किया गया।
पुलिस की कार्रवाई: शक की सुई किस पर?
धनबाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मामले की गंभीरता को समझा और एक विशेष जांच दल को मुंबई रवाना कर दिया है।
सूत्रों की मानें तो अब ड्राइवर और मुखिया चंदन सिंह की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं इस पूरे प्लान में कोई भीतरघात तो नहीं हुआ?
इतना ही नहीं, टेक्निकल टीम फोन लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड्स के ज़रिए किडनैपर्स की पहचान करने में जुटी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस केस का पर्दाफाश होगा।
फिरौती की रकम से बढ़ी साजिश की गहराई
3 करोड़ रुपये की फिरौती कोई सामान्य अपराध नहीं दर्शाता। यह रकम बताती है कि यह कोई साधारण अपहरण नहीं, बल्कि एक सुनियोजित योजना है।
मुंबई जैसे मेट्रो शहर में धनबाद के युवकों का टारगेट होना, कहीं न कहीं इनसाइडर इन्फॉर्मेशन या जान-पहचान की ओर भी इशारा करता है।
झारखंड और अपहरण: एक नजर इतिहास पर
अगर इतिहास की बात करें, तो झारखंड में संगठित अपराध और फिरौती की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। धनबाद, जो एक समय माफियाओं और गैंगवार के लिए जाना जाता था, अब अपेक्षाकृत शांत है, लेकिन ऐसे मामले बताते हैं कि अपराधियों के नेटवर्क अभी भी सक्रिय हैं और अब वे डिजिटल और भौगोलिक सीमाओं को पार कर चुके हैं।
आमजन के लिए चेतावनी
इस घटना के बीच धनबाद पुलिस ने जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही मुंबई में रहने वाले झारखंड के प्रवासी लोगों से भी सतर्कता बरतने और किसी भी अनजान कॉल या संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को देने का आग्रह किया गया है।
धनबाद से मुंबई तक फैले इस अपहरण और फिरौती कांड ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। पुलिस हर दिशा में जांच कर रही है, लेकिन फिलहाल तीन जिंदगियां बदमाशों के शिकंजे में हैं। आने वाले दिनों में यह केस न सिर्फ पुलिस की कार्यकुशलता की परीक्षा बनेगा, बल्कि इस बात की भी, कि आज के डिजिटल युग में भी अपराधी किस हद तक आगे निकल चुके हैं।
क्या पुलिस तीनों युवकों को सुरक्षित वापस ला पाएगी? क्या ये फिरौती महज़ पैसा है या इसके पीछे कोई और गहरी साजिश छुपी है?
इन सवालों का जवाब अगली अपडेट में...
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