Hazaribagh Accident Mystery: सड़क किनारे बात कर रहे थे दो दोस्त, अचानक आई स्कॉर्पियो ने ले ली जान!
हजारीबाग के चरही इलाके में शुक्रवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां दो दोस्तों की स्कॉर्पियो से कुचलकर मौत हो गई। यह हादसा सवाल खड़े कर रहा है कि क्या यह सिर्फ एक्सीडेंट था या इसके पीछे है कोई साजिश?

झारखंड के हजारीबाग जिले से एक दर्दनाक और चौंकाने वाली खबर ने सभी को झकझोर दिया है। चरही थाना क्षेत्र के बयालीस नंबर चौक पर शुक्रवार रात दो युवकों की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि राजू और करण नामक दो युवक सड़क किनारे आपस में बातें करते हुए टहल रहे थे कि तभी अचानक एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने उन्हें रौंद डाला। यह घटना करीब रात 9:15 बजे हुई, जब क्षेत्र में आमतौर पर सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है।
लेकिन इस दुर्घटना को लेकर अब कई सवाल उठ रहे हैं—क्या यह महज एक हिट एंड रन केस है या इसके पीछे कुछ और छिपा है?
कैसे हुआ हादसा?
राजू और करण, दोनों ही चरही थाना क्षेत्र के बयालीस नंबर रोड के निवासी थे। शुक्रवार की रात दोनों सड़क किनारे टहलते हुए बातचीत कर रहे थे। तभी अचानक एक तेज गति से आती स्कॉर्पियो, जो चरही से घाटो की ओर जा रही थी, ने दोनों को कुचल दिया और बिना रुके फरार हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि स्कॉर्पियो की गति इतनी तेज थी कि ड्राइवर को ब्रेक लगाने का कोई मौका ही नहीं मिला।
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और एंबुलेंस बुलाई गई। गंभीर रूप से घायल दोनों युवकों को हजारीबाग अस्पताल भेजा गया, लेकिन अफसोस की बात है कि रास्ते में ही दोनों ने दम तोड़ दिया।
लोगों का आक्रोश और सड़क जाम
घटना की खबर फैलते ही क्षेत्र में आक्रोश की लहर दौड़ गई। गुस्साए लोगों ने सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन और जाम कर दिया। उनका कहना था कि इलाके में सड़क सुरक्षा नाम की कोई व्यवस्था नहीं है और ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।
स्थानीय लोगों की मांग है कि इस हादसे की गंभीरता से जांच की जाए और दोषी स्कॉर्पियो चालक को अविलंब गिरफ्तार किया जाए।
पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान राजू और करण के रूप में हुई है। दोनों बेहद मिलनसार और लोकप्रिय युवक थे, और इलाके में उनका किसी से कोई विवाद नहीं था।
क्या है पुलिस की भूमिका?
चरही थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और जाम हटाने की कोशिश शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और फरार वाहन की तलाश की जा रही है।
पुलिस ने माना है कि मामला साधारण एक्सीडेंट से थोड़ा अलग नजर आ रहा है। घटना की टाइमिंग, लोकेशन और वाहन की स्पीड कई सवाल खड़े कर रही है।
इतिहास की बात करें तो बयालीस नंबर रोड पर पहले भी कुछ संदिग्ध सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें से कुछ का अब तक कोई सुराग नहीं मिला।
क्या हादसे के पीछे है कोई गहरी साजिश?
पुलिस अब इस ऐंगल से भी जांच कर रही है कि क्या यह हादसा पूर्व नियोजित था? क्या स्कॉर्पियो चालक और मृतकों के बीच पहले से कोई रंजिश थी? क्या यह महज संयोग है कि दोनों एक ही इलाके के थे और एक ही समय पर निशाना बने?
इन सभी सवालों का जवाब जांच के बाद ही मिलेगा, लेकिन इस हादसे ने हजारीबाग के लोगों को हिला कर रख दिया है।
राजू और करण की मौत ने न केवल दो परिवारों को उजाड़ा है, बल्कि हजारीबाग की सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। अगर यह सिर्फ हादसा था, तो फिर कब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे? और अगर यह साजिश थी, तो सच सामने कब आएगा?
क्या आपको लगता है कि ऐसे मामलों में सिर्फ वाहन चालक को दोषी ठहराना काफी है? या हमें सड़कों की सुरक्षा और प्रशासन की जवाबदेही पर भी सवाल उठाने चाहिए?
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