Dhanbad Cyber Crime: Cyber Police ने ₹15-20 हजार की Salary पर चलने वाले Cyber Fraud Gang का पर्दाफाश किया
धनबाद की साइबर पुलिस ने सरायढेला से तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया, जो लोन और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ठगी कर रहे थे। जानें, कैसे चला रहे थे गिरोह।
धनबाद के सरायढेला थाना क्षेत्र में साइबर अपराधियों का बड़ा नेटवर्क चल रहा था।
- कर्नाटक और बिहार के ठग लोन दिलाने और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लोगों को ठग रहे थे।
- धनबाद की साइबर पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा किया।
इस गिरोह का मास्टरमाइंड सोनू कुमार अभी भी फरार है, जो अपने गुर्गों को हर महीने ₹15,000-₹20,000 की तनख्वाह देता था।
गुप्त सूचना और प्रतिबिंब एप ने किया मददगार
साइबर डीएसपी संजीव कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना और प्रतिबिंब एप की मदद से पुलिस ने सरायढेला क्षेत्र में गिरोह के फ्लैट तक पहुंच बनाई।
- यह फ्लैट सृष्टि करुणा एनक्लेव अपार्टमेंट में था।
- पुलिस ने यहां से बसंत और भरत (कर्नाटक निवासी) और सोनू पासवान (नालंदा, बिहार निवासी) को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के दौरान इनके पास से:
- 10 मोबाइल फोन,
- 6 सिम कार्ड, और
- एक प्रतिबिंब-प्लॉटेड सिम कार्ड बरामद हुआ।
लोन और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर चल रहा था ठगी का खेल
साइबर पुलिस के अनुसार, यह गैंग ऑनलाइन माध्यम से लोन दिलाने और लोन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लोगों को ठगता था।
- गिरोह के सदस्य हिंदी, अंग्रेजी, और कन्नड़ भाषा में माहिर थे।
- वे खासतौर पर कर्नाटक और तेलंगाना के लोगों को निशाना बनाते थे।
गिरोह का सरगना सोनू कुमार
गिरोह का संचालन सोनू कुमार, जो धनसार का निवासी है, कर रहा था।
- सोनू ने सरायढेला में फ्लैट किराए पर ले रखा था।
- फ्लैट का मालिक रत्नेश कुमार सिंह है, लेकिन सोनू ने इसे अपने नाम पर किराए पर लिया था।
सोनू हर सदस्य को 15-20 हजार रुपए प्रति माह की सैलरी देता था।
- कुछ महीनों बाद वह गैंग के सदस्यों को बदल देता था ताकि पुलिस उनकी पहचान न कर सके।
- गिरोह के खातों में लाखों रुपए के लेनदेन का रिकॉर्ड मिला है।
कैसे चल रहा था गिरोह का संचालन?
- लोन स्कीम का झांसा:
गिरोह सोशल मीडिया और कॉल्स के जरिए लोगों को लोन दिलाने का लालच देता था। - प्रोसेसिंग फीस ठगी:
प्रोसेसिंग फीस के नाम पर बैंक डिटेल लेकर खाते से पैसे उड़ा लिए जाते थे। - कर्नाटक-तेलंगाना में शिकार:
स्थानीय भाषा की समझ के कारण, वे खासतौर पर दक्षिण भारत के लोगों को निशाना बनाते थे।
मामले की आगे की जांच जारी
फिलहाल, साइबर पुलिस सोनू कुमार की तलाश में जुटी है।
- गिरोह के अन्य सदस्यों और देशभर में ठगी के शिकार हुए लोगों की पहचान की जा रही है।
- पुलिस यह भी जांच कर रही है कि ठगी का पैसा किस तरह इस्तेमाल किया जा रहा था।
झारखंड में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं
झारखंड के जामताड़ा क्षेत्र को पहले ही "भारत की साइबर क्राइम कैपिटल" कहा जाता है।
- यह गिरोह भी ठीक उसी तरह काम कर रहा था जैसे जामताड़ा के अपराधी करते हैं।
- झारखंड के धनबाद में ऐसे अपराधों का फैलाव राज्य में साइबर पुलिस की चुनौती को बढ़ा रहा है।
साइबर सुरक्षा पर क्यों जरूरी है जागरूकता?
- ऑनलाइन लोन ऑफर्स से बचें:
कभी भी अनजान कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें। - संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें:
ठग अक्सर मैलवेयर लिंक भेजकर बैंक डिटेल चुराते हैं। - पुलिस को तुरंत सूचना दें:
यदि आप किसी ठगी का शिकार होते हैं, तो साइबर पुलिस से संपर्क करें।
ठगी के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी
धनबाद की पुलिस की यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के खिलाफ एक मजबूत कदम है।
- लेकिन मास्टरमाइंड सोनू कुमार की गिरफ्तारी के बिना मामला अधूरा है।
- झारखंड जैसे राज्यों में बढ़ते साइबर अपराध को रोकने के लिए कड़ी निगरानी और सख्त कानून लागू करना जरूरी है।
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