Govindpur Liquor Bust : Liquor Bust 50 लाख की अवैध शराब ट्रक से जब्त
धनबाद के गोविंदपुर में 50 लाख की अवैध विदेशी शराब जब्त, पुलिस को धोखा देने के लिए कुरकुरे और मूढ़ी के बोरे से ढकी थी शराब। जानें, पूरी कार्रवाई।
झारखंड के गोविंदपुर में शराब तस्करों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई हुई।
- GT रोड से गुजरते ट्रक में 50 लाख की अवैध विदेशी शराब जब्त की गई।
- शराब को छिपाने के लिए ट्रक में कुरकुरे और मूढ़ी के बोरे रखे गए थे।
धनबाद पुलिस ने इस तस्करी को रोककर बड़ी सफलता हासिल की।
- शराब पर लिखा था: "ओनली फॉर सेल इन पंजाब", जिससे यह साफ है कि यह बिहार ले जाई जा रही थी।
कैसे पकड़ा गया तस्करी का ट्रक?
गुरुवार रात गोविंदपुर पुलिस इंस्पेक्टर रुस्तम अली के नेतृत्व में थाना क्षेत्र में सघन जांच अभियान चलाया गया।
- मैथन की ओर से आ रहे BR 01 GE/1552 नंबर के ट्रक पर पुलिस को शक हुआ।
- पुलिस ने ट्रक को रोका तो चालक बलवीर सिंह भागने की कोशिश करने लगा।
- उसे पकड़कर हिरासत में लिया गया।
जांच के दौरान ट्रक में:
- 295 पेटी विदेशी शराब,
- 12 बोरे मूढ़ी, और
- 82 बोरे कुरकुरे बरामद किए गए।
शराब तस्करों का Bihar कनेक्शन
झारखंड से होकर बिहार में शराब तस्करी कोई नई बात नहीं है।
- 2016 में बिहार में शराबबंदी के बाद, शराब की अवैध तस्करी तेजी से बढ़ी।
- झारखंड के सीमावर्ती इलाकों का इस्तेमाल तस्करों के लिए आसान रास्ता बन गया है।
गोविंदपुर की इस कार्रवाई में, ट्रक पर इंपिरियल ब्लू ब्रांड की शराब मिली:
- 375 एमएल की 225 पेटियां,
- 750 एमएल की 46 पेटियां,
- 180 एमएल की 24 पेटियां,
- कुल मिलाकर 7000 बोतल शराब जब्त की गई।
कैसे दिया गया पुलिस को धोखा?
तस्करों ने शराब को छिपाने के लिए खास रणनीति अपनाई थी:
- शराब की पेटियों को कुरकुरे और मूढ़ी के बोरे से ढक दिया।
- ट्रक को ऐसा दिखाया गया, जैसे यह खाद्य सामग्री लेकर जा रहा हो।
शराबबंदी के बाद बढ़ा तस्करी का नेटवर्क
बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद, पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी बढ़ गई।
- शराब तस्कर GT रोड जैसे प्रमुख मार्गों का इस्तेमाल करते हैं।
- झारखंड और बिहार पुलिस को इस नेटवर्क को तोड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
पुलिस ने दर्ज किया केस, तस्कर पर सख्त धाराएं लगाई गईं
गोविंदपुर थाना में इस मामले को लेकर कांड संख्या 315/2024 दर्ज की गई।
- आरोपी के खिलाफ धारा 274, 275, 293, 303(2), 317(2) BNS 2023 और उत्पाद अधिनियम की धारा 47(A) के तहत केस दर्ज हुआ।
- इस केस में शामिल अन्य तस्करों की तलाश जारी है।
पुलिस टीम का शानदार प्रदर्शन
इस कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम में:
- इंस्पेक्टर रुस्तम अली,
- एसआई दिनेश प्रसाद मेहता,
- शैलेंद्र कुमार,
- गुरु दयाल सबर,
- मैथ्यू एक्का,
- तुफैल खान, और
- गौरव कुमार जैसे अधिकारी शामिल थे।
झारखंड में तस्करी का बढ़ता खतरा
झारखंड की सीमाएं बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से लगती हैं।
- यहां अवैध शराब और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी आम है।
- बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद, झारखंड से तस्करी के मामलों में 20% तक की बढ़ोतरी देखी गई है।
काले धंधे पर कैसे लगेगी लगाम?
- कड़ी निगरानी जरूरी:
सीमावर्ती क्षेत्रों में जांच चौकियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। - स्मार्ट तकनीक का इस्तेमाल:
ड्रोन और जीपीएस ट्रैकिंग से तस्करी की पहचान करना आसान होगा। - जनता की भागीदारी:
लोगों को अवैध तस्करी की सूचना देने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
शराबबंदी के बावजूद क्यों नहीं रुक रही तस्करी?
झारखंड पुलिस की यह कार्रवाई तस्करों के लिए एक बड़ा झटका है।
- लेकिन जब तक तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड पकड़ा नहीं जाएगा, यह सिलसिला जारी रहेगा।
- बिहार और झारखंड पुलिस को मिलकर तस्करों के नेटवर्क को खत्म करने की रणनीति बनानी होगी।
क्या शराबबंदी के बाद तस्करी को रोक पाना संभव है? यह एक बड़ा सवाल है!
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