Bokaro Road Accident : Accident का दर्दनाक मंजर, पांच की मौत, तीन घायल; जानें पूरी घटना

झारखंड के बोकारो में भीषण सड़क हादसे में पांच की मौत और तीन घायल। जानें हादसे का दर्दनाक मंजर और क्या है घटनास्थल से जुड़ी पूरी जानकारी।

Dec 14, 2024 - 10:05
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Bokaro Road Accident : Accident का दर्दनाक मंजर, पांच की मौत, तीन घायल; जानें पूरी घटना
Bokaro: Accident का दर्दनाक मंजर, पांच की मौत, तीन घायल; जानें पूरी घटना

झारखंड के बोकारो जिले में एक दिल दहलाने वाली सड़क दुर्घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया।

  • बोकारो-रामगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दांतू गांव के पास हुए हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
  • जबकि तीन अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत नाजुक बताई जा रही है।

कैसे हुआ हादसा?

हादसे की भयावहता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वाहन तेज रफ्तार में था।

  • राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओवरटेक करते वक्त वाहन चालक ने नियंत्रण खो दिया।
  • गाड़ी सड़क किनारे खड़े एक भारी वाहन से टकरा गई, जिससे मौके पर ही मौतें हो गईं।
  • स्थानीय लोगों के अनुसार, घटना इतनी तेज थी कि आवाज सुनकर गांव वाले घटनास्थल पर दौड़ पड़े।

मौतों की पुष्टि और घायलों का हाल

बोकारो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मेडिकल अधिकारी डॉ. स्वीटी भगत ने पुष्टि की कि:

  1. पांच लोगों को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया।
  2. तीन घायल थे, जिनमें से एक की हालत गंभीर है।
  3. एक व्यक्ति को बेहतर इलाज के लिए अन्य अस्पताल में रेफर किया गया।

घायलों में शामिल:

  • एक महिला और एक बच्चा को मामूली चोटें आईं, और वे खतरे से बाहर हैं।

सड़क हादसे की बढ़ती घटनाएं: क्या है कारण?

भारत में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है।

  • झारखंड जैसे राज्यों में, जहां सड़कें अक्सर संकरी और घुमावदार होती हैं, तेज रफ्तार और लापरवाही हादसों का मुख्य कारण बनते हैं।
  • 2023 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर घंटे औसतन 17 सड़क हादसे होते हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग बन रहा है 'डेथ ट्रैप'

बोकारो-रामगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर:

  1. तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग का खतरा:
    राजमार्ग पर तेज रफ्तार वाहनों के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
  2. अपर्याप्त लाइटिंग:
    रात के समय दृश्यता की कमी के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
  3. वाहनों का ओवरलोडिंग:
    भारी वाहनों के चलते हादसों की संख्या और गंभीरता दोनों बढ़ जाती हैं।

प्रभावित परिवारों का दर्द और पुलिस की कार्रवाई

हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है।

  • पुलिस ने मृतकों की पहचान और पोस्टमॉर्टम के लिए शव को भेज दिया है।
  • घटनास्थल से वाहन को जब्त कर लिया गया है, और ड्राइवर की लापरवाही की जांच की जा रही है।

सड़क सुरक्षा पर सवाल: क्या है सरकार की भूमिका?

सड़क दुर्घटनाओं की लगातार बढ़ती घटनाएं सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े करती हैं:

  1. तेज रफ्तार पर अंकुश लगाने के लिए पर्याप्त कैमरे और चेक पोस्ट की कमी।
  2. दुर्घटना संभावित इलाकों पर कोई चेतावनी संकेत नहीं।
  3. वाहनों की नियमित जांच का अभाव।

स्थानीय लोगों की मांग

दांतू गांव के लोगों ने प्रशासन से:

  1. राजमार्ग पर स्पीड ब्रेकर लगाने,
  2. रात में बेहतर लाइटिंग,
  3. और पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग की।

क्या सड़कों पर सुरक्षित रहना मुमकिन है?

विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क हादसों को कम किया जा सकता है, अगर:

  • तेज रफ्तार वाहनों पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
  • वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए।
  • दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां विशेष निगरानी रखी जाए।
  •  सड़क हादसों पर कब लगेगी लगाम?

झारखंड के बोकारो में हुए इस भीषण हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़ा कर दिया है।

  • क्या सड़कें सचमुच सुरक्षित हैं, या यह मौत का खेल हर दिन यूं ही चलता रहेगा?
  • जब तक सख्त कानून और सड़क सुरक्षा पर ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।

क्या आप भी सड़क पर सुरक्षित महसूस करते हैं? अपनी राय जरूर साझा करें!

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