Water Supply Issue: Consumer Court के आदेश की अनदेखी, 15 साल से जनता से हो रही अवैध वसूली!
जमशेदपुर में टाटा स्टील की कंपनी पर 15 सालों से उपभोक्ता आयोग के आदेश की अवमानना का आरोप! जानिए कैसे हो रही है जनता के अधिकारों की अनदेखी और प्रशासन क्या कर रहा है?

जमशेदपुर: क्या कोई कंपनी लगातार 15 सालों तक ग्राहकों से अवैध बिल वसूल सकती है, वह भी उपभोक्ता आयोग के आदेश के बावजूद? जमशेदपुर में ठीक यही हो रहा है! टाटा स्टील अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (टाटा स्टील यूआइएलएल) पर आरोप है कि उसने जिला उपभोक्ता न्यायालय के स्पष्ट आदेश को नजरअंदाज कर लगातार जनता से अनुचित रूप से बिल वसूला है। इस अन्याय के खिलाफ अब आवाज उठने लगी है और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब उपभोक्ता आयोग ने जनता के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करते हुए पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया। लेकिन इस आदेश के बावजूद, टाटा स्टील यूआइएलएल ने इसे लागू करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। बल्कि, पिछले 15 वर्षों से कंपनी लगातार अपने ग्राहकों से मनमाने ढंग से बिल वसूल रही है। इस अनदेखी के खिलाफ पीड़ितों ने जिला उपायुक्त और एसडीओ के समक्ष गुहार लगाई कि या तो आयोग के आदेश का पालन करवाया जाए या फिर अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी!
भारत में उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (Consumer Protection Act) लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी, अनुचित व्यापारिक गतिविधियों और अन्याय से बचाना था। लेकिन इस मामले में, उपभोक्ता आयोग के आदेश को ताक पर रखकर खुलेआम कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का हस्तक्षेप
इस मामले में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत भी सामने आई है। संगठन के जिला कार्यकारिणी सदस्य प्रभू जी, जिला सचिव शंभू जायसवाल और जिला सदस्य कृष्णा कुमार ने एसडीओ शताब्दी मजूमदार को एक औपचारिक शिकायत पत्र सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार टाटा समूह उपभोक्ता आयोग के आदेश की अवमानना कर रहा है और पीड़ित उपभोक्ताओं को न्याय से वंचित रखा जा रहा है।
क्या बोले अधिकारी?
शिकायत पत्र स्वीकार करते हुए अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) ने यह आश्वासन दिया कि उपभोक्ता आयोग के आदेश का सख्ती से पालन करवाया जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या वास्तव में प्रशासन इस आदेश को लागू करवाएगा या फिर यह मामला सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगा?
टाटा स्टील ग्रुप पर उठते सवाल
टाटा स्टील भारत की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक है। जमशेदपुर शहर को 'टाटा का शहर' भी कहा जाता है, क्योंकि यह टाटा समूह की औद्योगिक विरासत का केंद्र है। लेकिन इसी कंपनी पर उपभोक्ताओं के अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगना एक बड़ी विडंबना है।
अब आगे क्या?
अब सबकी नजरें प्रशासन पर हैं कि क्या उपभोक्ता आयोग के आदेश का पालन कराया जाएगा या फिर मामला यूं ही चलता रहेगा? उपभोक्ता न्याय की उम्मीद में हैं, लेकिन अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह मामला और बड़ा बन सकता है।
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