Dhanbad Fraud: बिजनेसमैन के साथ 30 लाख की ठगी, जीएसटी नंबर के नाम पर बड़ा खेल!
धनबाद में 30 लाख की धोखाधड़ी! बिजनेसमैन उपेंद्र कुमार के साथ उनके ही कर्मचारियों ने नकली जीएसटी नंबर के जरिए बड़ा घोटाला किया। पूरी खबर पढ़ें।

धनबाद: सरायढेला थाना क्षेत्र में ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां व्यवसायी उपेंद्र कुमार से 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस मामले में राजेश अग्रवाल और विकास अग्रवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
कैसे हुआ 30 लाख का घोटाला?
उपेंद्र कुमार का गोसाईंडीह सबलपुर में वायोफिना नामक प्रोपराइटरशिप रजिस्टर्ड फर्म है, जो पानी के व्यवसाय से जुड़ी हुई है। उनके अनुसार, राजेश अग्रवाल और विकास अग्रवाल उनकी कंपनी के लिए वर्षों से काम कर रहे थे। इनका काम दुकान से ऑर्डर लेना, माल उठाना और ग्राहकों को डिलीवरी करना था। डिलीवरी के बाद, वे नकद भुगतान लेकर उसे कंपनी के खाते में जमा कर देते थे।
2019 में उपेंद्र कुमार अपने पिता के इलाज के लिए दिल्ली चले गए और उन्होंने कंपनी का पूरा काम राजेश और विकास को सौंप दिया। लेकिन जब जुलाई 2023 में वे वापस लौटे और अगले वर्ष जुलाई 2024 में कंपनी के आय-व्यय का हिसाब मांगा, तो दोनों ने टालमटोल करना शुरू कर दिया। जब हिसाब का मिलान किया गया, तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई।
नकली जीएसटी नंबर से कंपनी का पैसा किया गायब!
जांच में पता चला कि राजेश अग्रवाल ने अपने बेटे के नाम पर एक नया जीएसटी नंबर लिया और उसी के माध्यम से उपेंद्र कुमार की कंपनी का पैसा अपने खाते में डलवाकर खुद का व्यवसाय शुरू कर दिया। इस दौरान 30 लाख रुपये का गबन किया गया। जब उपेंद्र कुमार ने इसका विरोध किया और पैसे वापस करने की मांग की, तो 7 फरवरी को राजेश और विकास उनके घर पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने साफ कहा कि वे पैसे वापस नहीं करेंगे, जो करना है कर लो।
क्या कह रही है पुलिस?
व्यवसायी उपेंद्र कुमार की शिकायत पर सरायढेला थाना पुलिस ने राजेश अग्रवाल और विकास अग्रवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोनों से पूछताछ कर इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
धोखाधड़ी का बढ़ता ट्रेंड!
धनबाद और झारखंड में इस तरह के धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। खासतौर पर छोटे व्यवसायियों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले भी कई व्यापारी नकली जीएसटी नंबर, जाली दस्तावेज और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन फ्रॉड के शिकार हो चुके हैं। पुलिस प्रशासन ने आम जनता से सतर्क रहने और किसी भी तरह की गड़बड़ी की सूचना तुरंत देने की अपील की है।
बचाव के लिए क्या करें?
- अपने बिजनेस अकाउंट की नियमित रूप से जांच करें।
- कर्मचारियों को वित्तीय लेन-देन से जुड़ी पूरी पारदर्शिता दें।
- किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने बिजनेस डॉक्युमेंट्स न सौंपें।
- जीएसटी नंबर और बैंक खातों का सही तरीके से मिलान करते रहें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत शिकायत करें।
क्या उपेंद्र कुमार को मिलेगा इंसाफ?
अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और क्या व्यवसायी को उसके 30 लाख रुपये वापस मिल पाते हैं या नहीं।
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