Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली की 70 सीटों पर कल होगी वोटिंग, जनता किसे देखी अपना समर्थन, क्या पलटेगी सरकार

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर कल सिंगल फेज पर मतदान होगा। ये देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता इस बार सत्ता बदलेगी या फिर केजरीवाल की गारंटी पर ही टिकी रहेगी।

Feb 4, 2025 - 12:33
Feb 5, 2025 - 19:00
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Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली की 70 सीटों पर कल होगी वोटिंग, जनता किसे देखी अपना समर्थन, क्या पलटेगी सरकार
Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली की 70 सीटों पर कल होगी वोटिंग, जनता किसे देखी अपना समर्थन, क्या पलटेगी सरकार

दिल्ली विधानसभा चुनाव: दिल्ली में पिछले एक महीने से चल रहा चुनाव प्रचार कल शाम (सोमवार) 5 बजे थम गया। दिल्ली में 5 फरवरी को 70 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह तो 8 फरवरी को पता चलेगा। लेकिन इससे पहले इंडिया घटक की पांच पार्टियां दिल्ली चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ खड़ी थी। वहीं बीजेपी चुनावी मैदान में अकेली खड़ी दिखाई दी। सभी पार्टियों ने रोड शो से लेकर जनसभाएं और रैलियों के जरिए दिल्ली की जनता को साधने का पूरा प्रयास किया। यही नहीं अपने - अपने घोषणापत्र में बड़े बड़े वादे किए। लेकिन दिल्ली की जनता का इस बार मूड क्या है कोई नही जानता।

चुनाव प्रचार में हुई पैसों की बरसात : 


दिल्ली चुनाव जीतने के लिए कोई भी पार्टी किसी से कम नहीं दिखी। यही वजह है कि सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में पानी की तरह पैसा बहा दिया। सोशल मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक महीने के चुनाव प्रचार में सभी पार्टियों ने 31 करोड़ 52 लाख रूपए से ज्यादा खर्च कर दिए। ये आंकड़ा सिर्फ ऑनलाइन प्रचार का है। आपको बता दें कि you tube और वेबसाइट में बीजेपी ने 17 करोड़ 40 लाख रुपए , कांग्रेस ने 7 करोड़ 27 लाख और आम आदमी पार्टी एक करोड़ 82 लाख रुपए खर्च किए। जानकारी के मुताबिक तीनों दलों ने गूगल को 29 करोड़ 49 लाख चुनाव प्रचार के लिए खर्च किए। वहीं गूगल के अलावा फेसबुक में बीजेपी ने एक महीने में कुल 3 करोड़ 66 लाख रुपए खर्च किए। कांग्रेस ने 52 लाख तो सत्ताधारी पार्टी ने 82 लाख रुपए खर्च किए।


जीत का दारोमदार माध्यम वर्ग और मुसलमान पर :

इसमें कोई दोहराए नहीं है। कि दिल्ली चुनाव का मुकाबला इस बार त्रिकोणीय है। लेकिन बीजेपी और आम आदमी पार्टी मुकाबले में ज्यादा है। वैसे तो दिल्ली विधानसभा चुनाव का दंगल बहुत बड़ा नहीं माना जाता है लेकिन ये चुनावी जानकारों के लिए दिलचस्प रहता है। यह चुनाव 2014- 2015 के बाद से अधिक दिलचस्प हुआ है। माना जाता है कि दिल्ली चुनाव में जीत का दारोमदार माध्यम वर्ग और मुसलमानों के हाथों में होता है। 2020 के चुनाव में दिल्ली कैंट, सरोजनी नगर,ग्रेटर कैलाश , जैसे मध्यमवर्गीय इलाकों में आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला। कांग्रेस , आम आदमी पार्टी ने अपनी रैलियों में मुसलमानों को लुभा रही है। तो बीजेपी हर वर्ग को साधने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस पिछले कुछ सालों से मुस्लिम समर्थन खो चुकी है। मुस्लिम का झुकाव आप पार्टी और आईआईएम पार्टी की तरफ़ झुका है। जानकर मानते है कि दिल्ली की लड़ाई सिर्फ बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच है। अगर कांग्रेस कुछ कमाल दिखा दे तो बात बन सकती है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।