Chakulia Appeal: राष्ट्रपति से मुलाकात में पद्मश्री जमुना टुडू ने उठाई हाथी मौत और विकास की मांगें
चाकुलिया के विकास और हाथियों की मौत के मामलों पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्मश्री जमुना टुडू ने मुलाकात की। सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर रेलवे, अस्पताल और रोजगार जैसे मुद्दों पर तत्काल पहल की मांग की।
चाकुलिया (Jharkhand): झारखंड की वन पर्यावरण रक्षक और पद्मश्री जमुना टुडू ने हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने बहरागोड़ा विधानसभा और चाकुलिया क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा की।
जमुना टुडू ने राष्ट्रपति को सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा, जिसमें हाथियों की मौत, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, रेलवे सुविधाओं, रोजगार और एयरपोर्ट विकास जैसे मुद्दों पर सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है।
ज्ञापन में प्रमुख मांगे क्या थीं?
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हाथियों की मौत की निष्पक्ष जांच:
- चाकुलिया और मुसाबनी में बिजली तारों के संपर्क में आकर हाथियों की मौत के मामलों की निष्पक्ष जांच हो।
- पिछले दो वर्षों में हाथियों के हमले से 20 लोगों की मौत के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
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स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार:
- चाकुलिया प्रखंड में एक बड़ा अस्पताल खोला जाए ताकि लोगों को समुचित स्वास्थ्य लाभ मिल सके।
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रेलवे सुविधाओं का विस्तार:
- चाकुलिया रेलवे स्टेशन पर सभी एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित हो।
- लोकल ट्रेन की संख्या बढ़ाई जाए ताकि क्षेत्र के लोगों को आवागमन में सुविधा मिले।
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युवाओं के लिए रोजगार:
- चाकुलिया के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकारी स्तर पर पहल की जाए।
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एयरपोर्ट का पुनर्विकास:
- चाकुलिया एयरपोर्ट के लिए 565 एकड़ भूमि को पुनः एयरपोर्ट विकास के लिए उपयोग में लाया जाए।
क्यों उठी हाथियों की मौत का मुद्दा?
चाकुलिया और मुसाबनी वन क्षेत्र में हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष गंभीर समस्या बन चुकी है।
- बिजली तारों के कारण हाथियों की मौत से क्षेत्र के लोग आक्रोशित हैं।
- वहीं, हाथियों के हमलों में 20 लोगों की मौत से जंगल किनारे बसे गांवों में भय का माहौल है।
- जमुना टुडू ने मांग की कि हाथियों को जंगल में रखने की समुचित व्यवस्था की जाए ताकि इंसान और वन्यजीव संघर्ष खत्म हो।
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर सवाल
चाकुलिया जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है।
- बड़ी बीमारियों के लिए लोगों को जमशेदपुर या रांची जैसे शहरों का रुख करना पड़ता है।
- राष्ट्रपति से मांग की गई कि क्षेत्र में एक सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना की जाए।
रेलवे और एयरपोर्ट: विकास की मांग
- चाकुलिया रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के नहीं रुकने से स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- चाकुलिया एयरपोर्ट की जमीन लंबे समय से अनुपयोगी है।
- जमुना टुडू ने इसे पुनः विकास के लिए तैयार करने की मांग की ताकि क्षेत्र में व्यापार और रोजगार को बढ़ावा मिले।
राष्ट्रपति से मुलाकात का उद्देश्य
जमुना टुडू ने कहा:
"हमारा क्षेत्र प्राकृतिक संपदा से भरपूर है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी से यहां के लोग पिछड़े हुए हैं। राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर हमने उम्मीद जताई है कि इन मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई होगी।"
जमुना टुडू: जंगल की आवाज
- पद्मश्री से सम्मानित जमुना टुडू को "जंगलों की रक्षक" कहा जाता है।
- वे वन और वन्यजीव संरक्षण के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं।
- उन्होंने वन क्षेत्र में मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए कई जागरूकता अभियान चलाए हैं।
सरकार से अपेक्षाएं
- बिजली तारों की मरम्मत: यह सुनिश्चित किया जाए कि बिजली तार वन्यजीवों के लिए घातक साबित न हों।
- जंगलों का संरक्षण: हाथियों को जंगल में रखने के लिए सुरक्षित कोर जोन विकसित किए जाएं।
- रेलवे और एयरपोर्ट: क्षेत्रीय विकास के लिए रेलवे और हवाई सेवाओं का विस्तार अनिवार्य है।
जमुना टुडू का यह कदम चाकुलिया और बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का प्रयास है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उनकी मुलाकात ने क्षेत्रवासियों में आशा की किरण जगाई है।
अब देखना होगा कि सरकार इन मांगों पर कब तक कार्रवाई करती है।
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