Indian Railways: चक्रधरपुर में Tarun Huria ने संभाला DRM का पद, भारतीय रेलवे को मिलेगा नया नेतृत्व
चक्रधरपुर रेलवे डिवीजन के नए DRM, Tarun Huria ने अपने कार्यभार को संभाला। जानें उनके अनुभव और भारतीय रेलवे में उनके योगदान के बारे में।
भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। 28 दिसंबर 2024 को श्री तरुण हुरिया ने दक्षिण-पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) के रूप में कार्यभार संभाला। वे श्री रथौड़ का स्थान लेते हैं, जो अब तक इस महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत थे।
श्री हुरिया की नियुक्ति भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि उनके पास लगभग तीन दशकों का गहन अनुभव है, जो रेलवे के विभिन्न विभागों में कार्य करने के दौरान अर्जित हुआ है। उन्होंने मार्च 1995 में भारतीय रेलवे में अपने करियर की शुरुआत की थी और वे भारतीय रेलवे सेवा के एक सम्मानित अधिकारी हैं।
तरुण हुरिया का सशक्त अनुभव और रेलवे में उनका योगदान
श्री हुरिया भारतीय रेलवे सेवा के 1993 बैच के सदस्य हैं और उन्होंने भारतीय रेलवे के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। चक्रधरपुर में DRM बनने से पहले, वे ईस्ट कोस्ट रेलवे में मुख्य कार्यशाला इंजीनियर और मुख्य योजना इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। उनके नेतृत्व में रेलवे की कार्यशालाओं और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार हुए हैं।
उनके करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रमुख परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इनमें से एक था, उनके समय में कोकण रेलवे में प्रमुख यांत्रिक इंजीनियर के रूप में कार्य करते हुए किया गया कार्य। इसके अलावा, उन्होंने पश्चिम रेलवे में कोचिंग के लिए प्रमुख रोलिंग स्टॉक इंजीनियर और लोवर पैरेल रेलवे कार्यशाला के प्रमुख कार्यशाला प्रबंधक के रूप में भी कार्य किया।
चक्रधरपुर डिवीजन के लिए क्या नई दिशा होगी?
चक्रधरपुर डिवीजन भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और श्री हुरिया की नियुक्ति से यह और भी मजबूत होगा। चक्रधरपुर, जो अपनी समृद्ध विरासत और संचालन महत्व के लिए जाना जाता है, रेलवे नेटवर्क में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनके पास यांत्रिक इंजीनियरिंग और बुनियादी ढांचे के प्रबंधन में गहरा अनुभव है, जो चक्रधरपुर डिवीजन के संचालन को और अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित बनाने में मदद करेगा।
श्री हुरिया के नेतृत्व में, यह अपेक्षित है कि चक्रधरपुर डिवीजन में यात्री और माल ढुलाई सेवाओं में वृद्धि होगी। उनके आने से रेल संचालन में नया दृष्टिकोण मिलेगा और बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ साथ नई तकनीकों का भी समावेश होगा।
दक्षिण-पूर्व रेलवे और इसके महत्व का संक्षिप्त विवरण
दक्षिण-पूर्व रेलवे भारतीय रेलवे के 17 ज़ोन में से एक है, जो भारत के पूर्वी हिस्से में यात्री और माल परिवहन का महत्वपूर्ण काम करता है। चक्रधरपुर डिवीजन इस रेलवे नेटवर्क का एक अभिन्न अंग है, जो ना केवल क्षेत्रीय यातायात बल्कि देशभर के माल यातायात में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस डिवीजन के तहत आने वाले रेलवे स्टेशनों और कार्यशालाओं की संचालन क्षमता को बढ़ाना श्री हुरिया के कार्यकाल की मुख्य प्राथमिकताओं में शामिल होगा। उनका व्यापक अनुभव और नेतृत्व क्षमता इस डिवीजन को रेलवे क्षेत्र में और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए मददगार साबित होगी।
रेलवे के लिए आगे की चुनौतियाँ और अवसर
श्री हुरिया के नेतृत्व में चक्रधरपुर डिवीजन के लिए कई नई चुनौतियाँ और अवसर आ सकते हैं। उनका अनुभव सुनिश्चित करता है कि वे इन चुनौतियों का सही तरीके से सामना करेंगे और रेलवे के विकास के नए अवसरों को पहचानेगे। उनका तकनीकी और प्रबंधन अनुभव चक्रधरपुर डिवीजन की रेलवे सेवाओं को नए आयाम तक पहुंचाने में सहायक होगा।
यह भारतीय रेलवे के लिए महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि नए नेतृत्व के साथ सुधार, प्रगति और विकास की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार होगा। उनके नेतृत्व में चक्रधरपुर डिवीजन को सफलता की नई ऊँचाइयाँ प्राप्त होंगी।
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