Bastar Incident: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में जमशेदपुर प्रेस क्लब का बड़ा कदम, मुख्यमंत्री से की ये महत्वपूर्ण मांग!
छत्तीसगढ़ के बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद जमशेदपुर प्रेस क्लब ने छत्तीसगढ़ और झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर पत्रकारों की सुरक्षा की मांग की। जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने न केवल पत्रकारिता जगत को हिलाकर रख दिया है, बल्कि पूरे देश में मीडिया की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हत्याकांड के विरोध में जमशेदपुर प्रेस क्लब का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को बड़ा कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भेजा। इस ज्ञापन में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की गई है।
मुकदमे की मांग और उच्च स्तरीय जांच की अपील
इस ज्ञापन के माध्यम से जमशेदपुर प्रेस क्लब ने यह स्पष्ट रूप से मांग की है कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच की जाए। इसके साथ ही आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। यह मामला न केवल पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि पूरे मीडिया समुदाय के लिए एक बड़ा संदेश भी है कि इस तरह के अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पत्रकारों की सुरक्षा की मांग
इसके अलावा, इस प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री के नाम भी एक पत्र सौंपा। पत्र में गिरिडीह में अवैध टोल टैक्स वसूली के दौरान पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना की कड़ी निंदा की गई। साथ ही, उन्होंने राज्य सरकार से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि पत्रकारों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसे मामले दर्ज करने से पहले उच्च स्तरीय जांच की जाए ताकि बिना वजह किसी पत्रकार को परेशान न किया जा सके।
पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए विशेष सुरक्षा उपाय
ज्ञापन में पत्रकारों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। इनमें पत्रकारों की आर्थिक सुरक्षा के लिए बीमा, सामूहिक बीमा और पेंशन जैसी योजनाओं का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा, पत्रकारों के मारे जाने या घायल होने की स्थिति में उनके परिवारों को आर्थिक सहयोग और सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग की गई है।
प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति
ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रेस क्लब के प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से अध्यक्ष संजीव भारद्वाज, पूर्व अध्यक्ष बी श्रीनिवास, महासचिव विकास श्रीवास्तव, पूर्व महासचिव श्याम झा, सह सचिव वेद प्रकाश गुप्ता, कुलविंदर सिंह, मदन साहू, मोहम्मद अनवर, निखिल सिन्हा, चंद्रशेखर, धनंजय कुमार और दशमत सोरेन जैसे प्रमुख सदस्य उपस्थित थे। सभी ने मिलकर इस मामले में पत्रकारों के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए एकजुट होकर यह ज्ञापन सौंपा।
इतिहास में मीडिया सुरक्षा का सवाल
यह घटना एक बार फिर से यह सवाल उठाती है कि क्या मीडिया कर्मियों के खिलाफ हो रहे हमले और उत्पीड़न की घटनाओं पर ठोस कार्रवाई की जा रही है? मीडिया स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर अब तक कई बार देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। हालांकि, हर बार ऐसी घटनाओं के बाद सरकारों ने कार्रवाई करने का वादा किया, लेकिन क्या वास्तव में पत्रकारों को सुरक्षा मिल रही है?
छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने न केवल उनके परिवार को दुखी किया, बल्कि पूरे पत्रकारिता जगत को भी एक बड़ा धक्का दिया है। इस घटना के बाद, जमशेदपुर प्रेस क्लब और अन्य मीडिया संगठन यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं का सामना पत्रकारों को न करना पड़े। इसके लिए आवश्यक है कि सरकारें इस मामले को गंभीरता से लें और पत्रकारों के लिए ठोस सुरक्षा इंतजाम करें। फिलहाल, प्रेस क्लब ने इस ज्ञापन के माध्यम से अपनी आवाज उठाई है और देखना होगा कि सरकार इस पर किस तरह प्रतिक्रिया देती है।
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