Chaibasa School Food Poisoning : चाईबासा स्कूल में मिड-डे मील खाने से 20 बच्चे फूड प्वॉइजनिंग का शिकार, समय पर मिली राहत
चाईबासा के कदमडीहा पंचायत स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय ईचाहातु में मध्याह्न भोजन के बाद 20 बच्चे फूड प्वॉइजनिंग का शिकार हो गए। डॉक्टरों ने बताया कि सभी बच्चे अब खतरे से बाहर हैं। जानिए पूरी घटना और राहत कार्य की जानकारी।

पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा प्रखंड अंतर्गत कदमडीहा पंचायत के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय ईचाहातु में सोमवार को अफरातफरी का माहौल बन गया। मध्याह्न भोजन करने के बाद स्कूल के 20 बच्चों की तबियत अचानक बिगड़ गई। बच्चों को उल्टी, दस्त और चक्कर की शिकायतें हुईं। स्कूल में मौजूद 34 बच्चों में से करीब 20 बच्चे फूड प्वॉइजनिंग का शिकार हो गए।
स्कूल के एकमात्र शिक्षक सुमन कुमार ने तुरंत प्रखंड संसाधन केंद्र को सूचना दी। इसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी विवेक कुमार ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जयश्री को मेडिकल टीम और एंबुलेंस भेजने का निर्देश दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉ. जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम दोपहर करीब साढ़े तीन बजे विद्यालय पहुंची।
टीम ने शाम छह बजे तक 20 बच्चों का उपचार किया। बच्चों का इलाज स्थल पर ही किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि इलाज के बाद सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। बच्चों में कक्षा एक से पांच तक के छात्र शामिल थे। इलाज के बाद उन्हें उनके अभिभावकों के साथ घर भेज दिया गया।
बीमार पड़े बच्चों में मुक्ता मारला, सालुका मारला, मुक्ता पूर्ति, सुंदा मारला, दुगी मारला, दीपक मारला, माल्दा मारला, मेनजारी मारला, महेश पूर्ति, लव किशोर मारला, दशरथ मारला, जयंती मारला, सोमवारी मारला, नीतिमा मारला, नरेंद्र मारला, चरण मारला, मेडे मारला आदि शामिल हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही स्कूल में ग्रामीणों और अभिभावकों की भीड़ जुट गई। माता-पिता बच्चों की तबियत को लेकर चिंतित थे। डॉक्टरों ने बताया कि भोजन में किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना है, लेकिन फिलहाल इलाज से बच्चों की स्थिति सामान्य हो गई है।
प्रखंड प्रशासन ने कहा है कि आगे भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल में बच्चों की निगरानी बढ़ा दी है। अभिभावकों ने प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
यह घटना एक बार फिर मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और बच्चों की सेहत को लेकर सवाल खड़े करती है। प्रशासन, स्कूल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर इस मामले की पूरी जांच करेंगे। फिलहाल राहत की बात यह है कि बच्चों की हालत स्थिर है और सभी को समय पर इलाज मिल गया।
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