Bokaro Empowerment: सॉफ्ट टॉय मेकिंग से ग्रामीण महिलाओं को मिला आत्मनिर्भर बनने का सुनहरा मौका, डालमिया भारत फाउंडेशन की अनोखी पहल
बोकारो में डालमिया भारत फाउंडेशन द्वारा आयोजित सॉफ्ट टॉय मेकिंग प्रशिक्षण से 35 ग्रामीण महिलाएं हुईं आत्मनिर्भर। जानें इस पहल के बारे में विस्तार से।

बोकारो, 4 मार्च, 2025: डालमिया भारत लिमिटेड (डीबीएल) की सीएसआर शाखा, डालमिया भारत फाउंडेशन (डीबीएफ), ने ग्रामीण आजीविका प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई), बोकारो के साथ मिलकर गोराबली नॉर्थ पंचायत भवन में 13 दिवसीय सॉफ्ट टॉय मेकिंग प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को हस्तकला कौशल सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था। प्रशिक्षण में कुल 35 महिलाओं ने भाग लिया, जिन्हें आरएसईटीआई के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।
प्रमाण पत्र वितरण समारोह:
प्रमाण पत्र वितरण समारोह में डीसीबीएल बोकारो के यूनिट हेड श्री सुनील कुमार के भुसारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही, आरएसईटीआई बोकारो के निदेशक श्री सुमन प्रभात एक्का और गोराबली नॉर्थ पंचायत के मुखिया श्री बलेस्वर सिंह राठौर भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। इसके अलावा, डीसीबीएल बोकारो के प्रगति क्लब के सभी सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित रहे और प्रशिक्षार्थियों को प्रोत्साहित किया।
उद्देश्य और भविष्य की संभावनाएं:
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल महिलाओं को सॉफ्ट टॉय मेकिंग का कौशल सिखाने पर केंद्रित था, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, ये महिलाएं अपने स्वयं के सॉफ्ट टॉय व्यवसाय शुरू कर सकती हैं, जिससे उनकी आजीविका में सुधार होगा और वे अपने परिवारों के लिए अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगी।
डालमिया भारत फाउंडेशन की प्रतिबद्धता:
डालमिया भारत फाउंडेशन सतत विकास और ग्रामीण समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए निरंतर कार्यरत है। महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए रोजगारपरक कौशल विकास और आजीविका के अवसर बढ़ाने पर इसका विशेष ध्यान है। इसके अलावा, फाउंडेशन सामाजिक बुनियादी ढाँचे को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिससे इसके संचालन क्षेत्र में समग्र सामुदायिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
तकनीकी कपड़ा उद्योग में संभावनाएं:
भारत में तकनीकी कपड़ा उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और सॉफ्ट टॉय मेकिंग इस उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। तकनीकी कपड़ा उद्योग में कौशल विकास से ग्रामीण महिलाओं को नए रोजगार के अवसर मिल सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के विचार:
डीसीबीएल बोकारो के यूनिट हेड श्री सुनील कुमार के भुसारी ने कहा, "डालमिया भारत ग्रामीण समुदायों को कौशल-आधारित प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह के छोटे स्तर के उद्यम महिलाओं को अपनी रचनात्मकता को आय के साधन में बदलने का अवसर देते हैं। हम सभी प्रतिभागियों की मेहनत और आरएसईटीआई बोकारो के सहयोग की सराहना करते हैं, जिसने इस कार्यक्रम को सफल बनाया।
प्रशिक्षणार्थियों की प्रतिक्रिया:
प्रशिक्षण में भाग लेने वाली महिलाओं ने इस पहल की सराहना की और कहा कि उन्होंने न केवल सॉफ्ट टॉय बनाने का कौशल सीखा, बल्कि आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई है। वे अब अपने स्वयं के व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए तत्पर हैं।
भविष्य की योजनाएं:
डालमिया भारत फाउंडेशन और आरएसईटीआई बोकारो की योजना है कि वे इस तरह के और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें, जिससे अधिक से अधिक ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित हो सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इसके अलावा, फाउंडेशन का उद्देश्य है कि वे महिलाओं को बाजार से जोड़ने में सहायता करें, ताकि वे अपने उत्पादों को बेचकर स्थायी आय अर्जित कर सकें।
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