Chakradharpur Tragedy: दोस्ती की रात बना मातम, सड़क पर मिला राजू का शव!
चक्रधरपुर के टोकलो थाना क्षेत्र में एक रहस्यमय सड़क हादसे में 25 वर्षीय युवक की मौत। दोस्त के साथ लौटते समय क्या हुआ ऐसा, जिससे हमेशा के लिए खामोश हो गया राजू?

Chaibasa में हुआ दिल दहला देने वाला हादसा, जिसने एक खुशहाल घर को हमेशा के लिए खामोश कर दिया।
पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर अनुमंडल में टोकलो थाना क्षेत्र अंतर्गत चारमोड़ के पास सोमवार देर रात एक रहस्यमय सड़क हादसे में 25 वर्षीय युवक राजू बानरा की मौत हो गई।
सुबह जैसे ही आसपास के ग्रामीणों ने सड़क किनारे शव को देखा, इलाके में सनसनी फैल गई। तुरंत टोकलो थाना प्रभारी को सूचना दी गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को बरामद किया। पहचान हुई – धातकीडीह गांव निवासी राजू बानरा, जिसकी उम्र सिर्फ 25 साल थी और हाल ही में शादी हुई थी।
क्या थी उस रात की कहानी?
राजू बानरा अपने कुछ दोस्तों के साथ हाटनाटोनाग गांव गया था। गाँव में किसी पारिवारिक या सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने की संभावना जताई जा रही है। लौटते वक्त रात में रास्ते में क्या हुआ, यह अभी रहस्य बना हुआ है।
राजू की लाश जिस हालत में मिली, उसे देखकर हादसे की आशंका तो है, लेकिन सवाल कई हैं –
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क्या यह केवल एक सड़क दुर्घटना थी या इसके पीछे कोई और कहानी छुपी है?
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दोस्तों के साथ गया युवक अकेला क्यों लौटा?
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मौके पर कोई वाहन क्यों नहीं मिला?
इन सवालों ने पुलिस की जांच को और गहरा बना दिया है।
पुलिस कर रही है गहन जांच
टोकलो थाना की टीम ने मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, और रिपोर्ट का इंतजार है। थाना प्रभारी का कहना है कि हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए घटनास्थल की फोरेंसिक जांच भी करवाई जाएगी।
राजू के घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिवार वालों ने किसी पर सीधे आरोप तो नहीं लगाया, लेकिन बेटे की संदिग्ध मौत ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है।
गांव वालों के अनुसार, राजू एक हंसमुख और मेहनती युवक था। हाल ही में उसकी शादी हुई थी और वह अपने छोटे से परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहा था।
इस इलाके में पहले भी हुए हैं हादसे
चारमोड़ इलाका पहले भी सड़क हादसों का गवाह बन चुका है।
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घने जंगलों और संकरे रास्तों के कारण यहां रात में वाहन चलाना जोखिम भरा होता है।
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रोशनी की कमी और सड़क की खराब हालत पहले भी जानें ले चुकी हैं।
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ग्रामीणों की मांग है कि यहां उचित लाइटिंग, स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
राजू बानरा कौन था?
राजू बानरा धातकीडीह गांव का रहने वाला था, जो चक्रधरपुर थाना क्षेत्र में आता है। वह ग्रामीण परिवेश से था लेकिन उसकी सोच आधुनिक थी।
शादी के बाद उसने अपना छोटा-सा व्यवसाय शुरू करने का सपना देखा था। वह अक्सर दोस्तों के साथ सामाजिक कार्यों में भी भाग लेता था।
राजू की असमय मौत से न केवल उसका परिवार बल्कि पूरा गांव सदमे में है।
ग्रामीणों की मांग – जांच हो पारदर्शी और निष्पक्ष
इलाके के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि
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राजू की मौत के पीछे अगर कोई और वजह है तो उसे सामने लाया जाए।
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दोस्तों से पूछताछ की जाए जो उसके साथ थे।
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और सबसे ज़रूरी – परिवार को न्याय मिले।
एक सामान्य-सी रात, एक सामान्य-सा सफर… और अचानक सबकुछ बदल गया।
राजू की मौत एक हादसा थी या कोई साजिश?
इस सवाल का जवाब तो जांच के बाद ही मिलेगा, लेकिन इसने समाज में एक बार फिर यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि –
क्या हमारी सड़कें और कानून, आम नागरिक की जान की सुरक्षा के लिए पर्याप्त हैं?
इस हादसे ने फिर दिखा दिया कि एक पल की चूक ज़िंदगी छीन सकती है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।
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