Bahragora Health Camp: बहरागोड़ा में स्वास्थ्य चौकसी: चर्मरोग जांच शिविर और समीक्षा बैठक ने स्वास्थ्य सेवाओं में नए आयाम जोड़े

बहरागोड़ा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी ने समीक्षा बैठक और चर्मरोग जांच शिविर का आयोजन किया, जिसमें कुष्ठ रोग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों का साझा किया गया।

Dec 11, 2024 - 17:44
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Bahragora Health Camp: बहरागोड़ा में स्वास्थ्य चौकसी: चर्मरोग जांच शिविर और समीक्षा बैठक ने स्वास्थ्य सेवाओं में नए आयाम जोड़े
Bahragora Health Camp: बहरागोड़ा में स्वास्थ्य चौकसी: चर्मरोग जांच शिविर और समीक्षा बैठक ने स्वास्थ्य सेवाओं में नए आयाम जोड़े

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बहरागोड़ा में हाल ही में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक और चर्मरोग जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई। इस बैठक की अध्यक्षता जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ. मृत्युंजय धाउड़िया ने की। उन्होंने इस अवसर पर सभी सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों और ए.एन.एम के साथ मिलकर स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की।

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पोषण माह (10 दिसंबर 2024 से 10 जनवरी 2025) के दौरान किए जाने वाले कार्यक्रमों और गतिविधियों को लेकर चर्चा करना था। डॉ. मृत्युंजय धाउड़िया ने विशेष रूप से टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व जांच, एनसीडी (नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज), कुष्ठ रोग, और एनीमिया मुक्त भारत अभियान पर जोर दिया। उन्होंने सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से इन अभियानों के सफल क्रियान्वयन की अपील की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

बैठक के बाद, चर्मरोग जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें जिला कुष्ठ परामर्शी डॉ. राजीव लोचन महतो ने हिस्सा लिया। उन्होंने 23 संदेहास्पद मरीजों की जांच की और 2 नए कुष्ठ रोगियों का पता लगाया। इन रोगियों को नि:शुल्क एमडीटी (मultidrug therapy) वितरित किया गया, जिससे उन्हें शीघ्र उपचार की सुविधा मिली। डॉ. महतो ने उपस्थित लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षण, उपचार, और इसके कारण होने वाली दिव्यांगता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शरीर पर किसी भी प्रकार के दाग-धब्बे और उनके साथ सुनापन की स्थिति में तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना आवश्यक है, क्योंकि यह एक बैक्टीरिया जनित रोग है और इसका इलाज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क उपलब्ध है।

शिविर में विशेष रूप से कुष्ठ रोगियों को सेल्फ केयर के महत्व के बारे में बताया गया। उन्हें रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के फायदों और इस सर्जरी से दिव्यांगता को कैसे ठीक किया जा सकता है, इसके बारे में विस्तार से बताया गया। इसके साथ ही, सहियाओं को कुष्ठ विभाग से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि और एमसीआर चप्पलों और सेल्फ केयर किट की उपयोगिता के बारे में भी जानकारी दी गई।

इस शिविर में प्रखंड लेखा प्रबंधक श्याम महापात्रा, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक दुर्गा उरांव, एमपीडब्ल्यू चंदन कुमार मन्ना, डेमियन फाउंडेशन के दुर्योधन बागती और संजय चटर्जी सहित कई अन्य स्वास्थ्य अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे। यह आयोजन एक नई उम्मीद लेकर आया है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं और भी सुदृढ़ होंगी और लोग स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ेंगे।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।