Jamshedpur Disabled Pension : जमशेदपुर में विकलांग राशि का संकट: 2 साल से रुकी पेंशन की मांग तेज
जमशेदपुर के जेम्को क्षेत्र में दो दिव्यांग बच्चों को 2 साल से विकलांग पेंशन नहीं मिल रही। समाजसेवी करनदीप सिंह ने डीसी को ट्वीट कर पेंशन की तुरंत भुगतान की मांग की। पढ़ें पूरी खबर।
जमशेदपुर के टेल्को क्षेत्र स्थित जेम्को आजाद बस्ती में दो दिव्यांग बच्चों की विकलांग पेंशन पिछले दो वर्षों से रुकी हुई है। इस समस्या ने परिवारों के लिए न केवल आर्थिक संकट पैदा कर दिया है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित किया है। समाजसेवी करनदीप सिंह ने इस मुद्दे को उठाते हुए जिलाधिकारी (डीसी) को ट्वीट कर पेंशन का भुगतान कराने की अपील की है।
गोरख प्रसाद का बेटा अतुल प्रसाद और मिश्रा बागान निवासी जितेंद्र राय का बेटा नीतीश कुमार दोनों ही दिव्यांग हैं। अतुल ने बताया कि जब उनके परिवार के सदस्य डीसी ऑफिस में जाकर पेंशन के लिए पूछते हैं, तो उन्हें जवाब मिलता है कि 'कल आपके खाते में पैसे डाल दिए जाएंगे', लेकिन अब तक पैसे आए नहीं हैं। इस स्थिति से उनका परिवार बेहद परेशान है, क्योंकि पेंशन का उपयोग दिव्यांग बच्चों की देखभाल और उनके उपचार के लिए आवश्यक है।
जमशेदपुर का यह मामला अकेला नहीं है। इतिहास में भी इस तरह की समस्याएं सामने आई हैं जब प्रशासन की ओर से योजनाओं के तहत लाभार्थियों को समय पर सहायता नहीं मिल पाई। लेकिन वर्तमान में जब मुख्यमंत्री द्वारा कई योजनाओं का भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है, तो विकलांग पेंशन का मामला यह सवाल उठाता है कि ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है।
समाजसेवी करनदीप सिंह ने डीसी को ट्वीट कर इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता का भुगतान करने की व्यवस्था की है, लेकिन विकलांग पेंशन की राशि क्यों नहीं आ रही, यह एक गंभीर सवाल है। करनदीप सिंह ने इस समस्या को 'मानवाधिकार का उल्लंघन' करार देते हुए अधिकारियों से शीघ्र समाधान की अपील की है।
देशभर में विकलांग पेंशन जैसी योजनाएं लोगों के जीवन की मुश्किलों को हल करने का प्रयास करती हैं। यह पेंशन न केवल आर्थिक सहायता देती है, बल्कि दिव्यांग व्यक्तियों को समाज में अपनी जगह बनाने में मदद भी करती है। जमशेदपुर में इस तरह के मामले सरकार के प्रशासनिक ढांचे में सुधार की जरूरत को उजागर करते हैं।
समाज के विभिन्न हिस्सों से मिली प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि इस मामले को हल करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाने चाहिए। यदि पेंशन का भुगतान समय पर नहीं किया जाता, तो यह न केवल इन बच्चों के लिए मुश्किलें बढ़ाएगा, बल्कि सामाजिक असमानता को भी जन्म देगा।
जमशेदपुर के लोग और विशेष रूप से विकलांग परिवार यह उम्मीद करते हैं कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा और जल्द से जल्द समाधान निकालेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह मामला एक बड़ा आंदोलन भी बन सकता है, जो सरकार की योजनाओं पर सवाल खड़ा करेगा।
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