आदित्यपुर की मंजूलता मिश्रा की दर्दनाक आत्महत्या! जानें काम के दबाव ने कैसे ली जान
सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर में रहने वाली 26 वर्षीय मंजूलता मिश्रा ने काम के दबाव में आत्महत्या कर ली। वह भुवनेश्वर के टीसीएस कंपनी में काम कर रही थी और वर्क फ्रॉम होम कर रही थी। जानें इस दुखद घटना के पीछे की कहानी।
आदित्यपुर की मंजूलता मिश्रा की दर्दनाक आत्महत्या: काम के दबाव ने ली जान
सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर मांझी टोली त्रिपुरारी कॉलोनी की रहने वाली 26 वर्षीय युवती मंजूलता मिश्रा ने बीती रात अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दुखद घटना से पूरा परिवार सदमे में है। स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस को जानकारी दी गई, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मंजूलता मिश्रा: एक महत्वाकांक्षी युवती
मृत युवती मंजूलता मिश्रा, भुवनेश्वर के टीसीएस कंपनी में काम करती थी। वह वर्क फ्रॉम होम कर रही थी और अपने परिवार के साथ आदित्यपुर में रह रही थी। मंजूलता के परिवार का कहना है कि वह काम के दबाव में आकर आत्महत्या करने को मजबूर हो गई। काम का अधिक दबाव और लगातार तनाव ने उसे इतना परेशान कर दिया कि उसने यह कदम उठाया।
परिवार का दर्द और पुलिस की जांच
परिजनों के अनुसार, मंजूलता पिछले कई दिनों से तनाव में थी। वह काम के दबाव को संभाल नहीं पा रही थी और इससे मानसिक रूप से बहुत परेशान हो गई थी। परिवार का कहना है कि मंजूलता एक मेहनती और जिम्मेदार लड़की थी, लेकिन काम के बोझ ने उसे इस कदर परेशान कर दिया कि उसने आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की तफ्तीश में जुट गई है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि कहीं इसमें किसी अन्य कारण का हाथ तो नहीं है।
वर्क फ्रॉम होम के दबाव का असर
यह घटना वर्क फ्रॉम होम के दौरान काम के दबाव के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है। महामारी के बाद से वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा है, लेकिन इसके साथ ही काम के दबाव और मानसिक तनाव में भी वृद्धि हुई है। मंजूलता मिश्रा की आत्महत्या ने इस गंभीर मुद्दे को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
समाज को जागरूक करने की जरूरत
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे हम अपने आसपास के लोगों को मानसिक तनाव से बचा सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी व्यक्ति पर काम का इतना दबाव न हो कि उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़े।
मंजूलता मिश्रा की दुखद मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है और इस बात पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है कि कैसे हम अपने समाज को मानसिक रूप से स्वस्थ बना सकते हैं।
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