डेंगू पर काबू: टाटा स्टील UISL की ऐतिहासिक उपलब्धि, जमशेदपुर में 85% मामलों की कमी

जमशेदपुर में डेंगू के खिलाफ टाटा स्टील UISL का बड़ा कदम, इस साल 85% मामलों की गिरावट। जानिए कैसे सफलतापूर्वक किया गया नियंत्रण।

Oct 23, 2024 - 11:57
 0
डेंगू पर काबू: टाटा स्टील UISL की ऐतिहासिक उपलब्धि, जमशेदपुर में 85% मामलों की कमी
डेंगू पर नियंत्रण की दिशा में टाटा स्टील UISL की बड़ी सफलता, 85% की गिरावट के साथ जमशेदपुर को मिला राहत

जमशेदपुर, 23 अक्टूबर 2024: डेंगू की मार झेल रहे जमशेदपुर के लिए यह साल राहत भरा साबित हुआ, जब टाटा स्टील UISL के प्रयासों से डेंगू के मामलों में 85% की जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। पिछले साल के 1,234 मामलों की तुलना में इस साल सिर्फ 206 मामले सामने आए हैं। यह उपलब्धि न केवल टाटा स्टील UISL के रणनीतिक और सशक्त प्रयासों का नतीजा है, बल्कि इसका श्रेय उन जागरूकता अभियानों को भी जाता है जो पूरे शहर में चलाए गए।

डेंगू नियंत्रण के इस सफल अभियान के दौरान अप्रैल से 15 अक्टूबर 2024 तक, टाटा स्टील UISL की टीम ने जमशेदपुर के 6,41,755 घरों का सर्वेक्षण किया, जिनमें से 25,331 घरों में एडीज मच्छर पाए गए। ये वही मच्छर हैं जो डेंगू वायरस फैलाते हैं। डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए शुरू किया गया यह अभियान न केवल मच्छरजनित बीमारियों को नियंत्रित करने का सफल प्रयास है, बल्कि जनमानस में जागरूकता फैलाने का एक बेहतरीन उदाहरण भी बन गया है।

जागरूकता अभियान से मिली सफलता

टाटा स्टील UISL ने जमशेदपुर के स्कूलों, रिहायशी इलाकों और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता फैलाने के लिए कई गतिविधियाँ आयोजित कीं। इनमें सबसे प्रमुख था:

  1. स्कूलों में लाइव एडीज मच्छर प्रदर्शन: 68 सत्रों के माध्यम से छात्रों को डेंगू के मच्छरों की पहचान और उनसे बचने के उपाय सिखाए गए।
  2. ढोल पीटने वाली रैलियाँ: जागरूकता फैलाने के लिए 48 रैलियाँ आयोजित की गईं, जो पूरे शहर में डेंगू के खिलाफ जंग का संदेश लेकर निकलीं।
  3. पल्टी मार अभियान: 59 जगहों पर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया गया और पानी के टैंकों और कंटेनरों की सफाई का संदेश दिया गया।
  4. नुक्कड़ नाटक: 92 नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया, जिससे जनता को मनोरंजन के साथ-साथ डेंगू से बचने के उपाय भी सिखाए गए।

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

टाटा स्टील UISL ने डेंगू जागरूकता फैलाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी भरपूर इस्तेमाल किया। इसके लिए ज़िम्मेदार ऐप, वेबसाइट और इंट्रानेट जैसे माध्यमों का सहारा लिया गया, ताकि जनता को समय पर सही जानकारी मिल सके। इसके अलावा, टाटा स्टील UISL ने अपने अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को भी प्रशिक्षित किया ताकि वे जागरूकता को सही तरीके से फैला सकें।

फॉगिंग ऑपरेशन: मच्छरों पर सीधे वार

सिर्फ जागरूकता अभियान ही नहीं, टाटा स्टील UISL ने डेंगू के वाहक मच्छरों का सफाया करने के लिए फॉगिंग ऑपरेशन भी चलाया। मच्छरों के उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों में व्यापक फॉगिंग की गई। जिन क्षेत्रों में मच्छरों का इंडेक्स 5 से ऊपर था, वहां नियमित फॉगिंग की गई, जबकि 10 से अधिक इंडेक्स वाले क्षेत्रों में विशेष 'बिगटिफा फॉगिंग' अभियान चलाया गया।

जमशेदपुर को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने का संकल्प

टाटा स्टील UISL के इस अभियान ने यह साबित कर दिया है कि सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता के जरिए डेंगू जैसी बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। यह पहल न सिर्फ जमशेदपुर के लिए एक राहत की बात है, बल्कि इसे देशभर में स्वास्थ्य अभियानों के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा सकता है। टाटा स्टील UISL ने दिखा दिया है कि जब सरकार, समाज और निजी संस्थाएँ मिलकर काम करती हैं, तो परिणाम भी शानदार होते हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।