झारखंड मुक्ति मोर्चा की बड़ी घोषणा: 35 सीटों पर उम्मीदवार घोषित, बहरागोड़ा से समीर मोहंती की दावेदारी बरकरार!
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 35 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की। बहरागोड़ा से समीर मोहंती की दावेदारी बरकरार। जानिए कौन-कहां से लड़ेगा चुनाव!
झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो चुकी है और प्रमुख पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा करनी शुरू कर दी है। इस कड़ी में, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने 35 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है, जिससे राज्य की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय द्वारा जारी की गई इस सूची में प्रमुख चेहरों को जगह मिली है, जबकि कुछ नामों को लेकर काफी चर्चाएं थीं।
समीर मोहंती की दावेदारी बरकरार:
सबसे दिलचस्प दावेदारी बहरागोड़ा सीट से सामने आई है। पहले ऐसी अटकलें थीं कि समीर मोहंती का टिकट कट सकता है और उनकी जगह कुणाल षाड़ंगी को मौका मिल सकता है। लेकिन, झामुमो के थिंक टैंक ने गहन विचार-विमर्श के बाद तय किया कि समीर मोहंती को ही यहां से प्रत्याशी बनाए रखना पार्टी के लिए बेहतर होगा। इस फैसले ने पार्टी के भीतर और बाहर की सभी चर्चाओं को विराम दे दिया है। मोहंती, जो बहरागोड़ा से पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं, इस बार भी अपनी दावेदारी को लेकर मजबूत नजर आ रहे हैं।
हेमंत सोरेन फिर से बरहेट से मैदान में:
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर से बरहेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। उनके इस फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि सोरेन परिवार का यह मजबूत गढ़ किसी अन्य नेता को नहीं सौंपा जाएगा। साथ ही, पार्टी के वरिष्ठ नेता और अनुभवी स्टीफन मरांडी को महेशपुर से मैदान में उतारा गया है।
इन नेताओं को मिली जगह:
इन उम्मीदवारों की घोषणा के बाद से चुनावी समीकरण तेजी से बदल सकते हैं। झामुमो ने अपने मजबूत और विश्वसनीय चेहरों को मैदान में उतारा है, जिससे पार्टी को चुनाव में फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है।
महिलाओं और युवा नेताओं को मिला विशेष मौका:
इस बार झामुमो ने महिलाओं और युवा नेताओं को भी खासतौर पर तवज्जो दी है। डुमरी सीट से बेबी देवी, मझगांव से निरल पूर्ति, और गुमला से भूषण तिर्की को टिकट मिला है। वहीं, सिल्ली से अमित महतो और बरकट्ठा से जानकी यादव जैसे युवा नेताओं को मैदान में उतारकर पार्टी ने युवा मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की है।
असंतोष की अटकलें बेकार साबित:
कई क्षेत्रों में टिकट वितरण को लेकर अंदरूनी असंतोष की अटकलें भी लगाई जा रही थीं। बहरागोड़ा सीट से कुणाल षाड़ंगी को टिकट दिए जाने की चर्चा ने पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चिंता पैदा कर दी थी, लेकिन पार्टी के इस फैसले ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।
आगे की रणनीति और बचे हुए टिकट:
झामुमो के खाते में कुल 41 सीटें हैं, और अब तक 35 सीटों के उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं। शेष 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा जल्द ही की जाएगी। इन सीटों पर भी पार्टी के बड़े नामों और युवा चेहरों को उतारने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस बीच, पार्टी के कार्यकर्ता ज़मीनी स्तर पर प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं और उम्मीदवारों के समर्थन में जनसंपर्क अभियान तेज़ कर दिए गए हैं। झामुमो का पूरा ध्यान इस बार झारखंड में फिर से सत्ता में वापसी करने पर है, और इसीलिए पार्टी के थिंक टैंक ने उम्मीदवारों का चयन बहुत सोच-समझकर किया है।
क्या होगा चुनावी समीकरण:
झामुमो की इस सूची के जारी होने के बाद से राजनीतिक पंडितों का मानना है कि झारखंड में मुकाबला बेहद दिलचस्प हो सकता है। जहां भाजपा अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद पूरी तैयारी में है, वहीं झामुमो की सूची ने चुनावी माहौल को और भी गरमा दिया है।
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